आयकर प्रणाली में धीरे - धीरे बदलाव आ रहा है। क्योंकि वित्त मंत्री ने वादा किया है कि आयकर अधिनियम को पूरी तरह से सरल करते हुए बदलना है। बगैर किसी छूट और न्यूनतम कर के साथ नई प्रणाली सरल लगती है।

फिर भी कर-बचत विकल्पों की कमी चिंता का विषय है। इस वजह से लोगों के लिए एक समय के बाद बचत कम होने लगेेगी। जिस कारण वित्तीय समस्याएं बढ़ सकती हैं।

इन परिस्थितियों में निवेश पर कर में यदि राहत न मिली तो लोग बचत की आदत छोड़ सकते हैं। खासतौर पर युवा वर्ग में बचत की आदत कम होती है। कम आय वाले लोग भी बचत के प्रति ज्यादा सजग नहीं है। यूं भी हमारा समाज का चलन ऐसा है, जो बचत की बजाय खरीदने यानी पैसा खर्च करने पर ज्यादा जोर देता है। अब ऐसे में एक ही रास्ता बचता है, और वह यह है कि बजत में कर राहत को प्रोत्साहन मिले।

इस तरह की व्यवस्था व्यापक बचत को प्रेरित करती है। यह आदत युवा लोगों में आम बात है। वे कर-बचत निवेश से शुरुआत करते हैं और स्वाभाविक तौर पर महत्वपूर्ण रिटर्न प्राप्त करते हैं। इस तरह का शुरूआती अनुभव कई लोगों के लिए आजीवन बचत और वित्तीय सुरक्षा की आदत के लिए प्रेरित करता है।

हमें उम्मीद करनी चाहिए कि नया कर कोड अपनी सरलता के बावजूद बचत को प्रोत्साहित करने वाला बनाया जाएगा।


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