भारतीय मानक ब्यूरो की डायरेक्टर नार्थ, स्नेहलता ने कहा कि उद्योगपतियों को मानकों के प्रति जागरूक करने के लिए बीआईएस अलग अलग शहरों में जाकर कार्यक्रम आयोजित कर रहा है। इस तरह के कार्यक्रम का उद्देश्य यह है कि उद्योगपति मानकों की अहमियत समझ कर अपने उत्पाद को मानकों के अनुरूप तैयार करें।

‘‘मानक मंथन‘‘ का आयोजन कुमाऊं गढ़वाल चैम्बर ऑफ इंडस्ट्री (केजीसीसीआई) भवन में भारतीय मानक ब्यूरो (बीआईएस) द्वारा यू.के., यू.पी. प्लाइवुड एसोसिएशन के सहयोग से किया गया।

कार्यक्रम में प्रमुख उद्योगपतियों, विशेष रूप से प्लाईवुड एवं वुड-बेस्ड पैनल उत्पाद क्षेत्र से जुड़े उद्यमियों, चैम्बर के पदाधिकारियों ने सहभागिता की। इस अवसर पर अजय भट्ट, सांसद (नैनीताल-ऊधम सिंह नगर संसदीय क्षेत्र) मुख्य अतिथि थे।

उपस्थित प्रतिभागियों को सम्बोधित करते हुए मुख्य अतिथि अजय भट्ट ने कहा कि अन्य देशों में भी उत्पादों पर मानक गुणवत्ता नियम लागू होते हैं। उसी के अनुरूप भारत सरकार की भी कोशिश है कि हमारे देश में उच्च क्वालिटी व वैश्विक बाजार की माँग के अनुरूप उत्पाद तैयार कर उन्हें वैश्विक बाजार में निर्यात किया जा सके।

यूके, यूपी प्लाई एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मिड्ढा, एवं जनरल सेक्रेटरी, संदीप गुप्ता ने कार्यक्रम को आयोजित करने व सफल बनाने में विशेष भूमिका निभाई। कार्यक्रम का संचालन बीआईएस के जॉइंट डायरेक्टर सचिन चौधरी द्वारा किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत में चैम्बर अध्यक्ष अशोक बंसल ने सभी अतिथियों एवं प्रतिभागियों का स्वागत करते हुए कहा कि ऐसे कार्यक्रम उद्योग और सरकार के बीच सेतु का कार्य करते हैं। उन्होंने सभी उद्यमियों से आग्रह किया कि वे बीआईएस द्वारा निर्धारित गुणवत्ता मानकों को अपनाएं और अपने उत्पादों को वैश्विक प्रतिस्पर्धा हेतु तैयार करें।

कार्यक्रम में यूके, यूपी प्लाई एसोसिएशन के जनरल सेक्रेटरी, संदीप गुप्ता ने कहा कि इस तरह के कार्यक्रम नियमित तौर पर होते रहने चाहिए। इससे उद्योगपतियों को मानकों की जानकारी तो मिल ही रही है, यह भी पता चल रहा है कि यदि कोई दिक्कत आती है तो इसके समाधान में क्या कदम उठाए जा सकते हैं? उत्पाद में गुणवत्ता मानकों के लागू होने से हम भी अंतरराष्ट्रीय स्तर पर कंपीटिशन कर सकते हैं। गुणवत्ता मानक हमें हर वक्त और बेहतर करने के लिए प्रेरित करेंगे। उन्होंने कहा कि जो कुछ थोड़ी बहुत दिककत है, उसके समाधान की दिशा में भी बीआईएस सकारात्मक कदम उठा रहा है। जो अच्छी बात है।

कार्यक्रम में यूके, यूपी प्लाई एसोसिएशन के अध्यक्ष रमेश मिड्ढा ने कहा कि यह टू वे कम्यूनिकेशन है, हम अपनी बात अधिकारियों के आती है तो उसके समाधान के लिए क्या क्या कदम उठाए जाने है। उन्होंने आश्वासन दिया कि एसोसिएशन का हर सदस्य मानकों को लागू करने की तैयारी कर चुका है। निकट भविष्य में इसके सुखद परिणाम भी सामने आएंगे।

कार्यक्रम के प्रथम सत्र में बीआईएस के सचिन चौधरी ने भारतीय मानकों की निर्माण व संशोधन प्रक्रिया, नवीनतम गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (क्यूसीओ), उत्पाद प्रमाणन के नए दिशा-निर्देशों तथा डिजिटल पोर्टल्स की सुविधाओं पर विस्तृत प्रस्तुति दी।

एसोसिशन की ओर से आदित्य अग्रवाल ने बहुत ही बेहतर तरीके से प्लाईवुड निर्माताओं की समस्याओं पर एक प्रेजेंटेशन दी। उन्होंने सिलसिलेवार अपनी प्रस्तुति के माध्यम से उद्योगपतियों की समस्याओं को बीआईएस के सामने रखा।

‘‘मानक मंथन‘‘ के द्वितीय सत्र में आईएस 1659 (ब्लॅाक बोर्ड) आईएस 303 (सामान्य उद्देश्य के प्रयोग के लिए प्लाईवुड ) सहित अन्य प्रासंगिक मानकों में किए गए संशोधनों के बारे में प्रदीप शेखावत संयुक्त निदेशक, सिविल इंजीनियरींग विभाग ने (वर्चुवल माध्यम द्वारा) विस्तार से समझाया।

प्रदीप शेखावत ने बताया कि पहले IS 303 में एक ही मानदंड थे जो सभी को पास करना आवश्यक था। अब इसे पांच भागों में विभक्त कर दिया गया है। प्रत्येक उद्योग अपने बाजार की आवश्यकतानुसार निम्नतम से उच्चतम मानदंड की प्लाई बना सकते हैं। निश्चित रूप से उन्हें अपनी प्लाई पर वो कैटगरी घोषित करनी होगी जिसमें उन्होंने बनाई है। अगर उनका सैंपल उस घोषित मानदंड, के बराबर या उस से उपर का होगा तभी वह पास माना जाएगा।

बीआईएस देहरादून शाखा के प्रमुख एंव निदेशक, सौरभ तिवारी ने उद्योगों के निरिक्षण और सैंपल लेने के तरीके तथा सैंपल फेल होने की स्थिती में BIS द्वारा क्या-क्या कदम उठाए जाएंगे, बारिकी से समझाया। क्रिटीकल और नान क्रिटीकल के बारे में समझाते हुए उन्होंने बताया कि लगातार दूसरी बार फेल होने के बाद ही लासेंस के सस्पेंसन या कैंसिल होने की संभावना बनती है। उस समसावधि में उद्योग को अपनी गतिविधियों को सुसंचालित करने का बहुत समय प्रदान किया जाता है।

कार्यक्रम में उत्तराखंड के लगभग सभी प्लाईवुड निर्मातो ने भाग लिया। उद्यमियों ने अपने सुझाव और व्यावहारिक अनुभव साझा किए, जिससे बीआईएस अधिकारियों को उद्योग की वास्तविक आवश्यकताओं को समझने का अवसर मिला।

डब्ल्यूटीए के अध्यक्ष गजेंद्र राजपूत व सचिव मनोज ग्वारी ने मानकों को लेकर एक ज्ञापन भी दिया।

अंत में बीआईएस अधिकारियों द्वारा सभी सहभागियों, आयोजकों एवं चैम्बर टीम का धन्यवाद ज्ञापित किया गया।