भारत में रहो, भारत का खरीदो, भारत में खरीदो


नमस्कार साथियों

प्रधानमंत्री जी ने राष्ट्र के नाम संबोधन में, एम बात का उल्लेख किया किया कि, ‘‘लोकल के लिए वोकल बनो’’ इस वाक्य का बहुत गहरा अर्थ है, इसका एक अर्थ यह भी है कि स्वदेशी अपनाओ और विदेशी वस्तुएं और खास तौर पर चाइना में उत्पादित वस्तुओं का बहिष्कार करें!

चूंकि माननीय प्रधानमंत्री, एक राष्ट्र प्रमुख होने के नाते सीधे तौर पर यह बात नहीं कह सकते थे, और हम विश्व व्यापार संगठन के एक सदस्य है तथा मुक्त व्यापार के लिए हमने एक संधि भी हस्ताक्षरित की हुई है, अतः हम किसी भी विदेशी वस्तुओं के आयात पर प्रतिबंध नहीं लगा सकते हैं, लेकिन अगर हम उसकी मांग कम करदे तो उन वस्तुओं का आयात धीरे-धीरे कम हो जाएगा इस बात को मैंने अपनी तरह से समझा और इससे मैंने एक सूत्र वाक्य का सृजन किया ‘‘भारत में रहो’’ ‘‘भारत का खरीदो’’ ‘‘भारत में खरीदो’’!

‘‘भारत में रहो’’ का अर्थ है कि जब तक अत्यावश्यक न हो, आप विदेशी यात्रा न करें, विदेशी पर्यटन को फिलहाल कम से कम 2 से 3 वर्ष तक स्थगित कर, भारत में ही पर्यटन करें, हमारे भारत में भी बहुत खूबसूरत पर्यटन स्थल है, यहां प्राकृतिक सुंदरता है तो ऐतिहासिक धरोहर भी है, बहुत खूबसूरत इमारत भी है तो विश्व की सबसे ऊंची मूर्ति भी है, बहुत उत्कृष्ट वास्तुकला है तो बहुत सघन वन क्षेत्र भी है, विदेशी पर्यटन में होने वाला खर्च, अगर भारतीय पर्यटन मेें होगा तो, वह हमारी अर्थव्यवस्था को बहुत मजबूती देगा और नए रोजगार का सृजन भी करेगा!

‘‘भारत का खरीदें’’ इसका अर्थ यह है कि हम उन्हीं वस्तुओं और सेवाओं का क्रय करें, जिनका निर्माण भारतीय कंपनियों द्वारा, भारत में किया जा रहा है, ऐसा करके निश्चित तौर पर हम अपने आप में गर्व की अनुभूति करेेंगे!

‘‘भारत में खरीदें’’ इस वाक्य का यह अर्थ है कि, भारतीय अर्थव्यवस्था के लिए विदेशी निवेश भी बहुत ज्यादा जरूरी है, इसी विदेशी निवेश के तहत भारत में बहुत सारी विदेशी कंपनियों को हमने आमंत्रित किया है, जोकि भारत में अपनी विनिर्माण इकाइयां लगाकर, भारत में ही अपने उत्पादों का निर्माण कर रही है या उसे असेंबल कर रही है, इस गतिविध के द्वारा वह हम भारतीयों को रोजगार भी दे रही है, और सरकार को कर के रूप में राजस्व भी दे रही है तथा अर्थव्यवस्था में अपना महत्वपूर्ण योगदान भी दे रही है!

साथियों मैं आपको स्पष्ट करना चाहूंगा कि, जो भी वस्तु भारत में निर्मित या असेंबल हुई हो, और जिससे हम भारतीयों को रोजगार और सरकार को राजस्व मिला है, उन चीजों को खरीदने से परहेज करने से बचना चाहिए, मैं उदाहरण देकर आप को समझाना चाहूंगा, सैमसंग, आईफोन, ओप्पो, विवो, यह सारे विदेशी ब्रांड है लेकिन इनकी उत्पादक इकाइयां भारत में स्थापित हो चुकी है, इनमें ओप्पो को छोड़कर सबका उत्पादन भी इस साल से भारत में शुरू हो जाएगा!

अतः जब आप यह ब्रांड खरीदें तब यह जरूर देखें, जो उत्पाद आपने खरीदा है वह मैन्यूफैक्चर या असेंबल्ड भारत में ही हुआ होना चाहिए, इसी तरह से कई शुन्य तकनीक वाली ऐसी चीज है जो कि विदेशी ब्रांड है, लेकिन वह चीजें सारी भारत में ही निर्मित हो रही है, उन्हें भी खरीदने से परहेज नहीं करना चाहिए, अंतः हम अपने विवेक से यह निर्णय लें कि, हमें क्या खरीदना है, ‘‘भारत का भी खरीदे और भात में भी खरीदें’’ और आयोजित चीजों का जरूर बहिष्कार करें जैसे चाइनीस फर्नीचर!

साथियों प्रधानमंत्री जी के आह्वान के अनुसार, हमें देश को आत्मनिर्भर बनाना है, और हमें पूरा विश्वास है कि हम भारतीय यह कर सकते हैं, पीपीई किट और एन 95 मास्क आत्मनिर्भरता का सर्वश्रेष्ठ उदाहरण भी है, इसलिए ‘‘भारत में रहो, भारत का खरीदो, भारत में खरीदो’’!

आयात कम, निर्यात अधिक

सुरक्षित रहें, स्वस्थ रहें
सीए सुरेश कोठारी
9425246039
दुर्ग छत्तीसगढ़