pankaj maheshwari


लाॅकडाउन और अर्थव्यवस्था


क्या यह लाॅकडाउन पर गंभीरता से ध्यान केंद्रित करने का समय है?

महामारी को रोकने के लिए की जा रही कार्रवाइयों से समझौता किए बिना कुछ ढील दी जा सकती है। भारत बहुत बड़ा एवं जटिल संरचना वाला देश है और यहां आर्थिक गतिविधियों को अपूरणीय क्षति पहुंचाए बिना लंबे समय तक लाॅकडाउन चलाया जा सकता है। इसलिए, अगर हम लोगों के स्वास्थ्य तथा जीवन से समझौता किए बिना बहुत ही चयनात्मक स्तर पर ढील दे सकते हैं।

क्या लाॅकडाउन हटने के बाद आप मांग में तेजी की उम्मीद कर रहे हैं?

मुझे नहीं लगता कि कुछ समय बाद लाॅकडाउन को पूरी तरह से हटा लिया जाएगा, क्योंकि महामारी को रोकने की लड़ाई अभी भी जारी है। आगे के हालात पिछले तीन हफ्तों के मुकाबले बेहतर हो सकते हैं। लेकिन स्थिति के सामान्य होने में छह महीने से लेकर एक साल तक का समय लगेगा। यह भी इस बात पर निर्भर करता है कि हम महामारी का सामना किस तरह से करते हैं।

अर्थव्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए सरकार को क्या करने की आवश्यकता है?

उद्योगों के सामने सबसे बड़ी समस्या तरलता की है, एमएसएमई और बड़े व्यवसायों, दोनों के लिए। हम एक मुश्किल दौर से बाहर आ रहे थे और पिछला साल ज्यादा अच्छा वर्ष नहीं था, विशेषकर विनिर्माण क्षेत्र के लिए। इसलिए सरकार के लिए पहला कदम यह होगा कि वह न केवल बैंकों के साथ मिलकर बाजार में तरलता सुनिश्चित करें, बल्कि यह भी सुनिश्चित करे कि इसका फायदा उद्योगों तक पहुंचे।