Inflation Will Not Increase with Extra Cash
- October 4, 2020
- 0
Inflation Will Not Increase with Extra Cash
Excess cash remains in the banking system and the Reserve Bank of India is in no hurry to normalize it. Excess cash is usually a cause for concern, as it may increase inflation. But the situation is different now. This, instead of increasing inflation, is helping to remit policy rates from large amounts of cash and get the government to borrow at cheaper rates.
In such a situation, analysts are expecting the excess cash situation to continue until next year, until the economy picks up and capacity utilization rises to at least 80 per cent, down from 70 per cent now.
Madan Sabnavis, chief economist at CARE Ratings, said, “The excess cash is helping the government to borrow. In fact, it has become an option for revenue reduction and it will not increase inflation because we are spending less and capacity utilization is reducing, which can be improved when needed. ‘
General concepts in a shrinking economy are not always correct. People are withholding cash. Due to this, the money has increased. In such circumstances, there is no possibility of cash being affected by inflation till the demand starts increasing.
अतिरिक्त नकदी से नहीं बढ़ेगी महंगाई
बैंकिंग व्यवस्था में अतिरिक्त नकदी बनी हुई है और भारतीय रिजर्व बैंक इसे सामान्य करने की जल्दबादी में नहीं है। ज्यादा नकदी सामान्यतया चिंता की बाद होती है, क्योंकि इससे महंगाई बढ़ सकती है। लेकिन अभी स्थिति अलग है। इससे महंगाई बढ़ने के बजाय बड़ी मात्रा में नकदी से नीतिगत दरों के प्रेशण और सरकार को सस्ती दरों पर उधारी मिलने में मदद मिल रही है।
ऐसी स्थिति में विश्लेषक यह उम्मीद कर रहे हैं कि अतिरिक्त नकदी की स्थिति अगले साल तक जारी रहेगी, जब तक कि अर्थव्यवस्था गति नहीं पकड़ लेती और क्षमता का उपयोग बढ़कर कम से कम 80 प्रतिशत नहीं हो जाता, जो अभी 70 प्रतिशत से नीचे है।
केयर रेटिंग में मुख्य अर्थशास्त्री मदन सबनवीस ने कहा, ‘अतिरिक्त नकदी से सरकार को उधारी लेने में मदद मिल रही है। दरअसल यह राजस्व में कमी का विकल्प बन गयाा है और इससे महंगाई नहीं बढ़ेगी क्योंकि हम कम खर्च कर रहे हैं और क्षमता का उपयोग कम हो रहा है, जिसमें जरूरत पड़ने पर सुधर किया जा सकता है।’
सिकुड़ती अर्थव्यवस्था में सामान्य अवधारणाएं हमेशा सही नहीं होती हैं। ‘लोग नकदी रोक रहे हैं। इससे धन बढ़ना ठप हो गया है। ऐसी परिस्थितियों में नकदी से महंगाई पर असर पड़ने की संभावना तब तक नहीं है, जब तक मांग नहीं बढ़ने लगती।’