Editorial 2021

Google says – An association is “a group of people or organization who work together for a particular purpose.” Or – An organization of persons having a common interest.

Humans can collectively solve ideas and solve the biggest problem. It is easy to make appropriate decisions with the right thoughts and experiences of each other during group discussions. Community decision has great importance in any field. Not a single scientist behind a big mission, but the collective decision of the entire team makes the mission successful.

Working in groups has always been and will always be an enjoyable experience for industrialists too. In this, every person can express his thoughts with an open mind and can share each other’s thoughts and experience. In groups we can also teach and learn from each other. When all meet and make a decision, they realize their importance and also feel the responsibility of making the community decision effective.

  • The area of the plywood industry also spread throughout India due to various circumstances in this period. However, the production capacity has been from 10 to 100 daylight. In this too, the units with up to 20 daylight are 90%. Due to this spread it became an unorganized business sector. And naturally some minor diseases also developed within the industry.
  • The need of the hour is that all the big and small industrialists forget their ego and organize for the entire industry.
    Efforts should be made to ensure that more and more units have a compulsory participation, even if the membership fee is kept to a minimum.
  • Membership fee to be prepared according to no of hotpress.
  • Members from every area state of India should participate in it.
  • A small constitution should be made in which the rights and duties of the officers should be fixed.
  • All officers and members should have a time limit.
  • Quarterly / half yearly meeting should be the obligation of officers and members only.
  • There must be an annual general meeting.

गूगल कहता है- एक एसोसिएशन ‘‘लोगों या संगठन का समूह है जो एक विशेश उद्देश्य के लिए मिलकर काम करते हैं।’’ या- आम हित रखने वाले व्यक्तियों का एक संगठन।

इंसान सामुहिक तौर पर विचारों को साझा कर बड़ी से बड़ी समस्या का हल निकाल सकते हैं। सामुहिक रूप से चर्चा करने के दौरान एक दूसरे के सही विचारों और अनुभवों से उचित निर्णय लेने में आसानी होती है। किसी भी क्षेत्र में सामुहिक निर्णय का बहुत महत्व होता है। किसी बड़े मिशन के पीछे कोई एक वैज्ञानिक नहीं बल्कि पूरी टीम के सामुहिक निर्णय ही मिशन को सफल बनाता है।

उद्योगपतियों के लिए भी समूह मंे काम करना एक सुखद अनुभव हमेशा रहा है और रहेगा। इसमें हर व्यक्ति खुले मन से अपने विचार प्रकट कर सकता है और एक दूसरे के विचारों और अनुभव को साझा कर सकता है। समूह में हम एक दूसरे को सिखा भी सकते हैं और सीख भी सकते हैं। आप जिन लोगों से मिलकर कोई निर्णय लेते हैं उन सभी को अपने महत्वपूर्ण होने का अहसास होता है और साथ ही लिए गए सामुहिक निर्णय को प्रभावी बनाने की जिम्मेदारी भी महसुस होती है।

प्लाइवुड उद्योग का दायरा भी इस कालखंड में विभिन्न परिस्थितियों की वजह से संपूर्ण भारत में फैलाव होता चला गया। हालांकि उत्पादन क्षमता 10 से 100 डेलाइट तक ही रही है। इसमें भी 20 डेलाइट तक वाली इकाईयां ही 90ः हैं। इसी फैलाव की वजह से यह असंगठित व्यापारिक क्षेत्र बन गया। और स्वाभाविक तौर पर कई छोटी-मोटी बिमारियां भी पनप गई।

  • समय की आवश्यकता है कि सभी छोटे-बड़े उद्योगपति अपने अहं को भुलकर संपूर्ण उद्योग के लिए संगठित हों।
  • कोशिश की जाए कि इसमें अधिक से अधिक इकाइयों की बाध्यता मूलक भागीदारी हो, भले ही सदस्यता शुल्क कम से कम रखी जाए।
  • सदस्यता शुल्क प्रेस की संख्या पर आधारित हो।
  • भारत के हर प्रदेश की इसमें भागीदारी हो।
  • एक छोटा संविधान बनाया जाये जिसमें अधिकारियों के अधिकार और कत्र्तव्य निश्चित किए जाएं।
  • सभी अधिकारियों और सदस्यों की कार्यावधि की निश्चीत समय सीमा हो।
  • त्रैमासिक/अर्द्धवार्षिक बैठक सिर्फ अधिकारी और सदस्यों की बाध्यता हो
  • वार्षिक आम (एजीएम) सभा जरूर हो

सुरेश बाहेती
9050800888