Economy will do well once vaccination reaches critical mass
- May 19, 2021
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“Despite the high number of cases we were able to contain the spread to under 2 percent of the population. This should make us wary of protecting the 98 per cent population that is still vulnerable and susceptible”. Said Lav Agarwal, Joint secretary, health ministry.
The scientific analysis shows that over all the reproduction number is below one. This shows that pandemic is shrinking,” V K Paul, member-health Niti Aayog, said. Paul said the declining positivity rate was due to collective efforts and “we cannot again let this go out of hand.
India’s economy will do well once vaccination reaches a critical mass as pent up demand, global recovery and easy financial conditions will boost activities, RBI’s Monetary Policy Committee (MPC) member Ashima Goyal said. As India battles a “fearsome” second Covid Wave, she also said the damage to the economy due to lockdowns is much less and is unlikely to extend beyond the first quarter of the current fiscal.
टीकाकरण के बाद बेहतर प्रदर्शन करेगी अर्थव्यवस्था
स्वास्थ्य मंत्रालय में संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा, ‘संक्रमण के मामले तेजी से बढ़ने के बावजूद हम इस महामारी पर नियंत्रण पाने में सफल रहे हैं। देश की 2 फीसदी से भी कम आबादी कोविड-19 संक्रमण का शिकार हुई है। लेकिन बाकी 98 फीसदी आबादी की चिंता जरूरी है, जिसके अब भी संक्रमित होने का खतरा है।’
नीति आयोग के सदस्य (स्वास्थ्य) वी के पाॅल ने कहा, ‘वैज्ञानिक विश्लेषण से पता चलता है कि वायरस का प्रजनन बहुत कम हो गया है। यह महामारी के कमजोर पड़ने का संकेत दे रहा है।’ पाॅल ने कहा कि संक्रमण की दर सामूहिक प्रयासों से कम हुई और इसे दोबारा बेकाबू नहीं होने दिया जा सकता।
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) की मौद्रिक नीति समिति (एमपीसी) की सदस्य आशिमा गोयल ने कहा कि एक बार महत्त्वपूर्ण संख्या में लोगों को टीका लगने के बाद भारतीय अर्थव्यवस्था अच्छा प्रदशर्न करेगी, क्योंकि मांग में बढ़ोतरी, वैश्विक सुधार और आसान वित्तीय स्थितियां आर्थिक कारोबारी गतिविधियों को बढ़ावा देगी।
उन्होंने कहा कि भारत इस समय कोविड की दूसरी लहर के भयानक असर से जूझ रहा है, लेकिन लाॅकडाउन के चलते अर्थव्यवस्था को हुआ नुकसान काफी कम है, और इसके चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही से आगे बढ़ने की आशंका बहुत कम है।