Are exporters hoarding dollars ?

Are Indian exporters avoiding using the dollar amid a weakening rupee? Are they looking for further depreciation in the rupee so that they can make more profit by selling dollars?

Meanwhile, the value of a US dollar reached Rs 83 for the first time. According to experts, the value of rupee can fall to 84.50 per dollar in the coming days. This is perhaps what the exporters are waiting for.

Following this attitude of the exporters, bankers and brokerage firms have advised their clients not to use the dollar as a hedging tool. Bankers are advising clients to hedge negligible or 15-20% dollars. Bankers believe that a weaker rupee will help exporters as it increases their income. They get more money by selling dollars.

A banker said that the Reserve Bank is intervening to avoid a sharp fall in the rupee. RBI has recently sold dollars through banks. But if exporters continue hoarding dollars, the RBI’s efforts will be dented.


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क्या निर्यातक डॉलर की जमाखोरी कर रहें हैं?


कमजोर होते रूपए के बीच क्या भारतीय निर्यातक डॉलर इस्तेमाल करने से बच रहे हैं? क्या वे रूपए में और गिरावट आने की ताक में है, ताकि वे डॉलर बेचकर ज्यादा मुनाफा कमा सकें?

इस बीच एक अमेरिकी डॉलर की वैल्यू पहली बार 83 रूपए तक पहुंच गई। विशेषज्ञों  के अनुसार आगामी दिनों में रूपए की वैल्यू 84.50 प्रति डॉलर तक भी गिर सकती है। निर्यातकों को शायद इसी का इंतजार है।

निर्यातको के इस रवैया के बाद बैंकर्स और ब्रोकरेज़ फर्म ने अपने-अपने क्लाइंट को डॉलर को हेजिंग (संभावित नुकसान से बचाव) टूल के रूप में इस्तेमाल न करने की सलाह दी है। बैंकर्स क्लाइंट को न के बराबर या 15-20 प्रतिशत डॉलर हेज करने की सलाह दे रहे हैं। बैंकर्स का मानना है कि कमजोर रूपए से निर्यातकों को मदद मिलेगी क्योंकि इससे उनकी आय बढ़ती है। डॉलर बेचने से उन्हें ज्यादा रूपया मिलता है।

एक बैंकर ने बताया कि रूपए को तेज गिरावट से बचने के लिए रिजर्व बैंक दखल दे रहा है। आरबीआई ने हाल ही में बैंकों के जरिये डॉलर की बिकवाली की है। लेकिन यदि निर्यातक डॉलर की जमाखोरी जारी रखेंगे तो आरबीआई के प्रयासों पर पानी फिर जाएगा।


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