Ravi Vaid – Ravi Marketing
- January 11, 2023
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Uncertainty Prevail due to rate fluctuations
How is the business?
We were expecting some boom in the market after Diwali. But it doesn’t seem to be transforming now. The sale is not picking up even though the goods are cheaper comparatively. The market is down by 25 percent. Although the market had picked up after Covid, but after that the market has become relaxed again. Due to the worldwide recession, it seems that the extra money that the public has is being spent in living or to protect themselves, so none of the business is being done freely.
Where are your main supplier from?
We are still procuring our goods from Yamunanagar, U.P. and Punjab only. For so many years both we and our customers are satisfied with the quality of the factories from which we are getting the goods. Due to which work is going on in a rhythm. If there is no big and special reason, then the relationship continues for years. People who deal in cheap and without brand goods are purchasing goods from Bihar, Nepal and Kerala etc. Yes, the demand for quality material has decreased. It is also affecting the turnover.
What to expect in 2023
As the situation is, it does not seem that the beginning of 2023 will be any better. Nevertheless, it is expected that there is a possibility of a boom in the real estate market, and when people buy flats, they also make furniture in it. Next year we can expect that if any big government project comes, then it is likely to improve the market. There is a possibility of improvement in the situation only after next four to six months.
Which class do you target?
The base of the retail market is the middle class only. In this category, there is a high demand for goods of medium quality. Their thinking is that plywood furniture should last for a long time. However, this category needs a product whose quality is good and the price is also reasonable. The general consumer gets the furniture replaced within ten to twelve years. Carpenter’s advice also matters a lot in the plywood market. The customer has faith in him, that’s why, the customer listens to him. The goods which are of low quality are used in furniture manufacturing industry or OEM etc.
How many customers are there for high quality ply?
There is only a few selected people who demand high quality ply, who do not compromise in any situation. If the ply is good for ten years, then most of the customers are satisfied. That’s why the market for medium range ply is likely to remain good forever. Because customer wants good ply in low rate. Carpenters also recommend the customer for.
What is the status of the payments?
The major problem is that the speed of recovery of funds lying in the market during the time of Covid is very slow. Credit has to be given. But times have changed, so some caution has to be taken in normal course. But the market behavior has changed a lot these days. It is not possible that the entire work can be done in cash. That’s why work continues on rotation. The problem arises when a dealer takes our goods on credit and starts selling plywood by taking plywood from someone else in cash from the amount he got by selling it. This type of problem occurs frequently. But there is no solution for this at the moment. All we are able to do is that we have reduced the lending of goods or rather we are giving it after careful thought. Slowly business will have to be brought towards on cash; effort should be done by all of us in this direction.
रेट में उतार चढ़ाव से अभी अनिश्चितता का दौर है
व्यापार को कैसा देख रहें है?
सोच रहे थे कि दीवाली के बाद बाजार में कुछ उछाल आएगा। पर अभी ऐसा होता नजर नहीं आ रहा है। माल सस्ता होने के बावजुद भी सेल उठ नहीं रही है। 25 प्रतिशत तक मार्केट डाउन हो गया है। कोविड के बाद हालांकि मार्केट उठा था, लेकिन इसके बाद फिर से बाजार शिथील हो गया है। विश्वव्यापी मंदी से लगता है, जनता के पास जो अतिरिक्त पैसा है वह जीवनयापन में या अपने आपको सुरक्षित करने में खर्च हो रहा है। इसलिए कोई भी व्यापार खुलकर नहीं हो रहा है।
आपके मुख्य सप्लायर कहां से है?
हम अभी भी यमुनानगर, यू.पी. और पंजाब से ही माल मंगा रहे हैं। इतने सालों से जिन फैक्ट्रीयों का माल हम ले रहे है, उनकी क्वालिटी से हम और हमारे ग्राहक दोनों संतुष्ट हैं। जिससे एक लय में काम चल रहा है। कोई बड़ी और विशेश वजह नहीं हो तो संबंध सालों साल चलते रहते है। जो लोग सस्ते और किसी भी ब्रांड के माल में डील करते हैं, वह बिहार, नेपाल और केरल आदि से भी माल मंगा रहे हैं। हां, अच्छे और मध्यम रेट के माल की डिमांड कम हुई है। इसका असर टर्नओवर पर भी पड़ रहा है।
2023 में क्या उम्मीद
जो स्थिति है, इसमें तो नहीं लगता कि 2023 की शुरूआत कुछ बेहतर हो पाएगी। फिर भी उम्मीद है कि रियल एस्टेट से मार्केट में उछाल आने की संभावना बनती है, और लोग फ्लैट लेते हैं, तो उसमें फर्नीचर का काम भी कराते हैं। अगले साल हम उम्मीद कर सकते हैं कि यदि कोई बड़ा सरकारी प्रोजेक्ट आता है, तो इससे बाजार सुधरने की संभावना है। अगले चार छह माह के बाद ही स्थिति में सुधार की संभावना बनती नजर आ रही है।
आपका लक्ष्य कौन-सा वर्ग है ?
रिटेलर का बेस तो मध्यम वर्ग ही है। इस वर्ग में मध्यम दर्जे की गुणवत्ता के माल की डिमांड ज्यादा रहती है। इनकी सोच यह रहती है कि एक बार प्लाई का काम करा लिया तो वह लंबे समय तक चले। इस वर्ग को हालांकि ऐसा प्रोडक्ट चाहिए जिसकी क्वालिटी ठीक हो और कीमत भी ठीक ठाक हो। दस बारह साल के भीतर सामान्य उपभोक्ता फर्नीचर बदलवा लेता है। कारपेंटर की सलाह भी प्लाईवुड बाजार में खासी मायने रखती है। वह भी कस्टमर को जो सलाह देते हैं, कस्टमर उनकी बात मान लेते हैं। जो कम गुणवत्ता का माल है, वह फर्नीचर मैन्यूफैक्चरिंग उद्योग या OEM आदि में प्रयोग होता है।
उच्च गुणवत्ता की प्लाई के ग्राहक कितने है?
उच्च गुणवत्ता की प्लाई मांगने वाले गिने चुने कुछ खास लोग ही होते हैं जो किसी भी स्थिति में समझौता नहीं करते। दस साल तक यदि प्लाई चल जाए तो अधिकतर कस्टमर संतुष्ट हो जाता है। क्योंकि वह कम रेट में अच्छी प्लाई चाहता है। इसीलिए मध्यम रेंज की प्लाई का बाजार हमेशा अच्छा रहने की संभावना है। इसकी बिक्री के लिए कारपेंटर भी कस्टमर को सलाह देते हैं।
उधारी की क्या स्थिति है?
जो बड़ी दिक्कत है, वह यह है कि बाजार में जो कोविड के समय का फंड पड़ा है, उसकी पुनः वसूली की रफ्तार बहुत ही कम है। उधार तो देना ही पड़ता है। लेकिन समय बदल गया है, इसलिए थोड़ी सावधानी तो रखनी ही पड़ेगी। लेकिन बाजार का व्यवहार इन दिनों काफी बदल गया है। पूरा काम नगदी में हो जाए, यह संभव नहीं है। इसलिए रोटेशन पर काम चलता रहता है। दिक्कत तब आती है, जब एक डीलर हमारा माल उधार में लेकर, उसे बेच कर आई हुई रकम से, किसी और से नकद में प्लाईवुड लेकर बेचना शुरू कर देता है। इस तरह की समस्या अक्सर आती है। लेकिन इसका समाधान फिलहाल तो नहीं है। बस हम यह कर पा रहे हैं कि उधार में माल देना कम कर दिया है या यूं कहें कि काफी सोच समझकर दे रहें हैं। धीरे-धीरे व्यापार को नगदी की ओर अब लाना होगा ऐसी हम सभी की कोशिश होनी चाहिए।