Suman Biswas - Durong Infra LLP

Market is sluggish due to strictness in payment


How is the market?

The market is running very slow since last year. After Covid, very good speed was seen in the market. But after that, strictness for payment from all stakeholders, it lost the pace. It is taking very long to get out of the stiffness that has surrounded in the market.


Working is retail marketing

Retailers also curtailed their supplies and business, with the reduced inflow of credits. Now they are also working very slowly and cautiously and trying to avoid any possible danger. Due to which the work in the market came down to 25%.


Where is the problem

Due to tightness in cash flow among the ultimate consumers the projects are either stalled or they are on wait. Now everyone is waiting for each other. The work progresses smoothly only with the help of each other. Until the cash flow does not increase in the market, there is no scope for much improvement in the situation.


Old outstanding

Currently we are working by forgetting the market outstanding of COVID period. Recovery from that amount is at a very slow pace. It is difficult to estimate how much it will be, until the market becomes very good.


Share of quality ply

Waterproof Plywood of PF is more prevalent in this market. Due to the rainy season and its humidity, its uses is high. By the way, many factories are producing quality material in this region. But our main procurement is from North India. Where the producers are in trouble due to the increase in the rate of timber. Due to which we are also facing some difficulty in our working.


When will the market recover?

Some big projects may restart in coming days, which were stalled due to RERA guidelines etc. Market may pick up only after winter.




क्रेडिट देने में कड़ाई बरतने से बाजार में धीमापन


बाजार कैसा है?

बाजार पिछले साल से ही बहुत स्लो चल रहा है। कोविड के बाद एक बार बाजार काफी तेज चला था। उसके बाद सभी तरफ से जो क्रेडिट देने में कड़ाई की गई, उससे बाजार में एक धीमापन आ गया। इससे बाजार में जो एक जकड़न आ गई है उससे निकलकर गति पकड़ने में काफी देर लग रही है।


रिटेल में तो काम चल रहा होगा

बाजार में उधार कम करने की जो कोशिश हो रही थी, उससे आगे चलकर अंत में रिटेलर ने भी आगे क्रेडिट में माल देना कम कर दिया। अब वह भी बहुत सहम कर और सावधानीपूर्वक काम कर रहे हैं और किसी भी संभावित खतरे से बचने की कोशिश में है। जिससे बाजार में जितना काम हो रहा था उससे 25 प्रतिशत पर आ गया।


दिक्कत कहां है?

मुख्य खरीदारों के पास भी रकम की कमी होने से प्रोजेक्ट या तो रुक गए हैं या फिर वह इंतजार कर रहे हैं। अब तो सब एक दूसरे का इंतजार कर रहे हैं। एक दूसरे के सहारे से ही काम आगे बढ़ता है। जब तक बाजार में केस फ्लो नहीं बढ़ेगा तब तक स्थिति में कोई बहुत ज्यादा सुधार होने की गुंजाइश नहीं दिख रही है।


पिछली उधारी

कोविड से पहले की जो जो रकम उधारी में थी, उसे तो एक बार भूल कर ही काम आगे करना पड़ रहा है। उसमें से रिकवरी बहुत धीमी गति से हो रही है। कितनी हो पाएगी इसका अभी अंदाज लगाना मुश्किल है, जब तक बाजार कोई बहुत अच्छा ना हो जाए।


क्वालिटी प्लाई का बाजार

यहां के बाजार में पीएफ का वाटरप्रूफ माल ही अधिक चलन में है। यहां के मौसम में बरसात और उसकी नमी की वजह से ऐसा प्रचलन अधिक है। वैसे यहां पर कई फैक्ट्रियां अच्छा माल बना रही है। लेकिन हमारा मुख्य काम उत्तरी भारत से ही होता है। वहां पर भी अभी टिंबर के रेट बढ़ने से उत्पादक दिक्कत में चल रहे हैं। जिससे हमें भी काम करने में कुछ दिक्कत महसूस होने लगी है।


बाजार कब तक सुधरेगा

भविष्य में कुछ बड़े प्रोजेक्ट्स चलने शुरू हो सकते हैं, जोकि रेरा वगैरा की गाइडलाइन की वजह से रुके हुए थे। सर्दियों के बाद ही बाजार चलने की कुछ संभावना हो सकती है।


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