Lottery System for GST filling
- January 16, 2020
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Lottery System for GST filling introducing soon
On the lines of the Delhi government’s scheme for consumers under the VAT regime, the Centre’s lottery system will aim to increase compliance
Taking a copy of the bill from the seller may turn rewarding, with the government planning a lottery scheme for customers to improve compliance. The measure is being explored by the revenue augmentation officers committee to boost collections.
The Consumer Welfare Fund, where anti-profiteering proceeds are deposited, will be used to reward the lucky winners on monthly and annual bases. The prize money, yet to be fixed, may run into several lakhs of rupees for the annual draw, and about Rs. 50,000 for monthly draws.
“The idea is to encourage consumers to ask for a bill, which will push sellers to become GST compliant and pay tax. A lot of beauty parlours and small hotels, for instance, do not give a bill handout. The lottery scheme will have a significant reward amount and this will encourage people to participate,” said a government official.
The lottery scheme will be available for business-to-consumer transactions. Consumers will require to upload sale receipts on a dedicated portal for where winners will be picked.
जीएसटी चोरी रोकने के लिए लाॅटरी योजना
विक्रेता से बिल की काॅपी मांगना अब ग्राहकों के लिए फायदेमंद साबित हो सकता है। ग्राहकों में बिल लेने की आदत को प्रोत्साहित करने के लिए सरकार एक लाॅटरी योजना लाने पर विचार कर रही है। इस उपाय पर राजस्व संवर्द्धन अधिकारियों की समिति काम कर रही है, जिसका मकसद जीएसटी संग्रह में इजाफा करना है।
इस योजना के तहत उपभोक्ता कल्याण निधि का उपयोग भाग्यशाली विजेताओं को मासिक और वार्षिक आधार पर इनाम देने के लिए किया जाएगा। उल्लेखनीय है कि इसी निधि में मुनाफाखोरी रोधी प्राप्तियों को जमा कराया जाता है। अभी ड्राॅ की रकम निश्चित नहीं की गई है लेकिन यह सालाना ड्राॅ के लिए कुछ लाख रुपये तक और मासिक ड्राॅ के लिए करीब 50,000 रुपये हो सकती है। एक सरकारी अधिकारी ने कहा, ‘इस योजना का मकसद उपभोक्ताओं को बिल की काॅपी मांगने के लिए प्रोत्साहित करना है जिससे विक्रेताओं को जीएसटी का अनुपालन करना होगा और कर चुकाना होगा। उदाहरण के तौर पर बहुत से ब्यूटी पार्लर और छोटे होटल बिल ग्राहकों को बिल नहीं देते हैं जहां काफी मात्रा में कर वंचन हो सकता है। लाॅटरी योजना के तहत अच्छी खासी राशि दी जाएगी जिससे लोगों को इसमें भागीदारी करने के लिए प्रोत्साहित किया जा सकेगा।’ लाॅटरी योजना उपभोक्ता लेनदेन वाले जीएसटी व्यापार के लिए होगा। उपभोक्ताओं को एक समर्पित पोर्टल पर बिल अपलोड करना होगा जहां से विजेताओं का चुनाव किया जाएगा।