Air India with 100% equity share will return to the Tatas after 68 years. Along with the brand and the slots of the debt-ridden state owned airline, the Tatas will get the low cost subsidiary Air India Express and a 50 per cent stake in ground handling firm Air India SATs Airport Services Private Limited  (AISATS ).

of the bid amount of Rs.18,ooo crore, the Tatas will pay Rs. 2,700 crore in cash, while taking the remaining Rs. 15,300 crore as debt.

The group will also have to pay around Rs. 9,185 crore on account of capitalized lease obligations of 42 leased aircraft, primarily the boeing 787 Dreamliner aircraft.

“While admittedly it will take considerable effort to rebuild Air India, it will hopefully provide a very strong market opportunity to the Tata group’s presence in the aviation industry,” Ratan Tata said in a statement.

 

Rs. 18,000-CR Winning BID

Govt. reserve Pirce: Rs 12,906 cr

Tata Son’s bid: Rs. 18,000 cr

SpiceJet’s Ajay Singh bid: Rs.15,100 cr

Govt. to receive in cash: Rs.2,7oo cr

Al’s total debt burden: Rs.61,562 cr

To be borne by Tatas: Rs.15,300 cr

Air India Assets Holding Limited (AIAHL) to handle AI debt: Rs. 46,262 cr

ALAHL to get AI’s non-core assets: Rs.14,718 cr (not part of bid transaction)

 


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एयर इंडिया के कॉकपिट में फिर सवार टाटा

टाटा संस सार्वजनिक क्षेत्र की विमानन कंपनी एयर इंडिया और उसकी सहायक इकाई एयर इंडिया एक्सप्रेस का पूर्ण स्वामित्व तथा ग्राउंड हैंडलिंग इकाई एआईएसएटीएस में 50 फीसदी हिस्सेदारी खरीदने में सफल रही हैं। एयर इंडिया करीब 60,000 करोड़ रुपये से ज्यादा के घाटे में है। टाटा ने एयर इंडिया के लिए 18,000 करोड़ रुपये की बोली लगाई है, जिनमें से 15,300 करोड़ रुपये कर्ज है और 2,700 करोड़ रुपये नकद भुगतान किया जाएगा। इसके अलावा टाटा 42 बोइंग 787 ड्रीमलाइन विमानों के पट्टे के लिए भी 9,185 करोड़ रुपये की देनदारी चुकाएगी।

विनिवेश के बाद भी सरकार को 46,262 करोड़ रुपये का कर्ज निपटाना होगा जो एयर इंडिया असेट्स होल्डिंग को स्थानातरित की जाएगी।

खास बात यह है कि सरकार ने सिर्फ एयर इंडिया का परिचालन बेचा है । जबकि जमीन, भवन और अन्य अचल संपदा को सरकार ने अपने पास रखा है। इनका कुल मूल्य 14,718 करोड़ रुपये आका गया है, जिसे सरकारी कंपनी एयर इंडिया एसेट होल्डिंग लिमिटेड (एआइएएचएल) को स्थानांतरित कर दिया जाएगा।

“कर्ज में डूबी एयर इंडिया को पटरी पर लाने के लिए काफी प्रयासों की जरुरत होगी लेकिन यह जरूर है कि टाटा समूह की विमानन उद्दयोग में मौजूदगी को यह मजबूत बाजार अवसर उपलब्ध कराएगी”,  रतन टाटा ने एक बयान में कहा।

 


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