Bank Deposits and Services Increased Due to Jan Dhan
- October 4, 2020
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Bank Deposits and Services Increased Due to Jan Dhan
The Pradhan Mantri Jan Dhan Yojana (PMJDY), an important scheme of the Narendra Modi government to provide financial services to all people in the country, has completed six years. According to the Finance Ministry, about 40 crore beneficiaries are taking advantage of this scheme.
Deposits in these accounts have increased six-fold in six years. These bank accounts are basically for those who did not like to open a bank account due to the requirement of minimum balance.
But it is worth noting that the share of deposits of Jan Dhan Yojana in the total demand deposits of commercial banks has increased from 2.8 per cent to 8.6 per cent of the time of completion of one year of the scheme. This indicates that the Jan Dhan account holders are now showing much more pro-active banking services than before. With this, the share of dormant accounts has also declined. Only 60 per cent of Jan Dhan accounts were active in March 2017 whereas the proportion of active accounts has increased to 81 per cent in January 2020.
Finance Minister Nirmala Sitharaman said in a tweet, ‘PMJDY is the cornerstone of the people centric economic initiatives of the Prime Minister Narendra Modi government. Whether it is direct benefit transfer, financial assistance related to Covid-19, increased wages or life and health insurance cover under PM-Kisan, MNREGA, the first step for all of these was to have an individual bank account of its own. PMJDY has almost met the target of everyone’s bank account. In the last six years, Jan Dhan accounts have been used extensively for the implementation of various schemes.
जनधन से बैंक जमाएं और सेवाएं बढ़ीं
देश में सभी लोगों को वित्तीय सेवाएं मुहैया कराने की नरेंद्र मोदी सरकार की एक महत्त्वपूर्ण योजना, प्रधानमंत्री जनधन योजना (पीएमजेडीवाई) को छह साल पूरे हो चुके हैं। वित्त मंत्रालय के अनुसार इस योजना का लाभ करीब 40 करोड़ लाभार्थी ले रहे हैं।
इन खातों में जमा छह साल में छह गुना हो गई हैं। ये बैंक खाते मूलतः उन लोगों के लिए हैं जो न्यूनतक बैलेंस की अनिवार्यता होने की वजह से बैंक खाता खोलना पसंद नहीं करते थे।
लेकिन गौर करने लायक बात यह है कि वाणिज्यिक बैंकों की कुल मांग जमाओं में जनधन योजना के जमा की हिस्सेदारी, योजना के एक साल पूरा होने के समय 2.8 फीसदी से बढ़कर 8.6 प्रतिशत हो गई है। इससे संकेत मिलता है कि जनधन खाताधारक अब पहले की तुलना में बैंकिंग सेवाओं को लेकर काफी सक्रियता दिखा रहे हैं। इसके साथ ही निश्क्रिय खातों की हिस्सेदारी में भी गिरावट आई है। मार्च 2017 में केवल 60 फीसदी जनधन खाते ही सक्रिय थे जबकि जनवरी 2020 में सक्रिय खातों का अनुपात बढ़कर 81 फीसदी हो गया है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक ट्वीट में कहा, ‘पीएमजेडीवाई प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी सरकार की जनता केंद्रित आर्थिक पहलों की आधारशिला है। चाहे प्रत्यक्ष लाभी अंतरण हो, कोविड-19 से जुड़ी वित्तीय सहायता हो, पीएम-किसान, मनरेगा के तहत बढ़ी हुई मजदूरी या जीवन और स्वास्थ्य बीमा कवर हो, इन सबके लिए पहला कदम यह था कि हर वयस्क का अपना बैंक खाता हो। सबके बैंक खाते के लक्ष्य को पीएमजेडीवाई ने लगभग पूरा कर लिया है।’ पिछले छह सालों में जनधन खातों का इस्तेमाल विभिन्न योजनाओं के कार्यान्वयन के लिए बड़े पैमाने पर किया गया है।