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Anti-trust regulator Competition Commission of India (CCI) has issued a cease-and-desist order against four regional associations of Kraft Paper manufacturers, including their 115 members for indulging in anti-competitive practices.

The case was initiated on the basis of information filed by three federations/associations of corrugated box manufacturers, the CCI said in a statement.

It was alleged that various associations of Kraft paper manufacturers, by way of periodic meetings and correspondences, directed their members to increase the price of the paper to be sold to the buyers, i.e. corrugated box manufacturers.

It was also alleged that they sought to create a condition of shortage to enforce the unjust price increase and shut the operation of the paper mills in a region collectively.

“Based on the evidence on record such as minutes of Meetings, e–mail communications, WhatsApp messages exchanged on WhatsApp groups as well as oral depositions of various representatives, the CCI found 119 parties including four regional associations of Kraft Paper Manufacturers in contravention of provisions of Section 3(3)(a) and Section 3(3)(b) read with Section 3(1) of the Act, except one Kraft Paper Mill, which was found guilty of contravention of provisions of Section 3(3)(a) read with Section 3(1) of the Act, only,” the CCI said in a statement.

Of the 119 opposite parties, 31 Kraft Paper Mills were lesser penalty applicants before the CCI. Under Section 46 of the Act, a cartel member may approach the CCI by way of filing an application seeking lesser penalty, in return for providing full, true and vital disclosures in respect of the alleged cartel to the Commission.

”Keeping in mind the peculiar facts and circumstances of the case including the fact that the many of the Kraft paper manufacturers were MSMEs and were going through economic and financial crisis as a fallout of COVID-19 pandemic, the CCI refrained from imposing any monetary penalty upon the infringing associations and Kraft paper manufacturers,” the regulator said in a release.

”Thus, the CCI considered the aforesaid as the mitigating factors for not imposing any monetary penalty and issued a cease and desist order against the contravening entities, ” it added in the release.


सामूहिक कीमतें बढ़ाने पर CCI ने
क्राफ्ट पेपर निर्माताओं को चेतावनी दी


एंटी-ट्रस्ट रेगुलेटर कॉम्पिटिशन कमीशन ऑफ इंडिया (CCI) ने क्राफ्ट पेपर निर्माताओं के चार क्षेत्रीय संघों के खिलाफ एक चेतावनी आदेश जारी किया है, जिसमें उनके 115 सदस्य भी शामिल हैं, जो प्रतिस्पर्धा-विरोधी प्रथाओं में लिप्त हैं।

सीसीआई ने एक बयान में कहा कि नालीदार बॉक्स निर्माताओं के तीन संघों/संघों द्वारा दायर सूचना के आधार पर मामला शुरू किया गया था।

यह आरोप लगाया गया था कि क्राफ्ट पेपर निर्माताओं के विभिन्न संघों ने समय-समय पर बैठकों और पत्राचार के माध्यम से अपने सदस्यों को खरीदारों अर्थात नालीदार बॉक्स निर्माता को बेचे जाने वाले कागज की कीमत बढ़ाने का निर्देश दिया था।

यह भी आरोप लगाया गया था कि उन्होंने अन्यायपूर्ण मूल्य वृद्धि को लागू करने और सामूहिक रूप से एक क्षेत्र में पेपर मिलों के संचालन को बंद करके कमी की स्थिति पैदा की।

“बैठकों के मिनट्स, ई-मेल संचार, व्हाट्सएप संदेशों के आदान-प्रदान के साथ-साथ विभिन्न प्रतिनिधियों के मौखिक बयान जैसे रिकॉर्ड पर साक्ष्य के आधार पर, सीसीआई ने क्राफ्ट पेपर निर्माताओं के चार क्षेत्रीय संघों सहित 119 पार्टियों को सेक्सन 3 (3) (ए) और 3 (3) (बी) ख्जिसे सेक्सन 3 (1) के साथ पढ़े, प्रावधानों के उल्लंघन में संलिप्त पाया। केवल एक क्राफ्ट पेपर मिल को छोड़कर, जिसे धारा 3(3)(ए) अधिनियम की धारा (3(1) के साथ पढ़ें) के उल्लंघन का दोषी पाया गया, सीसीआई ने एक बयान में कहा।

119 विरोधी पार्टियों में से, 31 क्राफ्ट पेपर मिल्स सीसीआई के समक्ष कम पेनल्टी आवेदक थे। अधिनियम की धारा 46 के तहत, कोई कार्टेल सदस्य आयोग को कथित कार्टेल के संबंध में पूर्ण, सही और महत्वपूर्ण खुलासे प्रदान करने के बदले कम दंड की मांग करते हुए आवेदन दाखिल करके सीसीआई से संपर्क कर सकता है।

‘‘इस मामले के अजीबोगरीब तथ्यों और परिस्थितियों को ध्यान में रखते हुए, तथा इस तथ्य को ध्यान में रखते हुए कि क्राफ्ट पेपर के कई निर्माता एमएसएमई थे और कोविड-19 महामारी के परिणाम रूप आर्थिक और वित्तीय संकट से गुजर रहे थे, CCI ने उल्लंघन करने वाले संघों और क्राफ्ट पेपर निर्माताओं पर जुर्माना या कोई मौद्रिक दंड लागू करने से परहेज किया।, ‘‘नियामक ने एक विज्ञप्ति में कहा।

‘‘इस प्रकार, सीसीआई ने उपरोक्त केस को कोई मौद्रिक दंड नहीं लगाने के कारकों के रूप में माना और उल्लंघन करने वाली संस्थाओं के खिलाफ सिर्फ एक चेतावनी भरा आदेश जारी किया,‘‘ यह विज्ञप्ति में जोड़ा।