Changes in the appearance of homes after the Corona period
- June 3, 2020
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After Coronavirus, people’s living is going to change. Architects and designers believe that the design of newly constructed homes will undergo radical changes. The demand for things which were ignored while constructing a house or apartment, will increase. At home, people will increase the office space, classroom, art studio, gym and storage. However, this will prove to be a challenge in urban areas.
Like college campuses, the boundaries of eating, reading, sleeping can be broken at home. A room in an apartment can serve many purposes. The dining room, office or anything else can take the form.
Rooms can be resized. A small place in the house can be removed where private calls or video conferencing can be done. Architects, says that now fresh air and connectedness to nature will become the priority of the people. This can be accomplished by creating more balconies or terraces.
In cities, this can be done by creating French Danches (transparent doors) or Juliet Balconies (standing spaces) in the living room.
A larger design may return for larger windows or cross ventilation.
Stores in homes or flats in urban areas will become necessary. Large cupboards or pantries will be built.
Since touching the surface, the corona virus can stick. Hence the demand for smart home technology will increase. As soon as you come home, the door will open automatically or the lights will light up. These techniques are available, but until now they were considered additional. Speaking instead of pressing the button in the lift may also be sufficient.
As soon as you enter the house, a place like hall will start before the hall, where people can take off shoes or slippers. Until now such a place was ignored.
The change came in the 20th century after TB-influenza: TB and influenza-like illness occurred a century ago, says architects. This had a major impact on architecture and health buildings were being built. They used to be open. There was plenty of light and air. Such architecture had a major impact in 20th-century homes. ”The practice of building open houses may return again.
कोरोना काल के बाद घरों के स्वरूप में आएगा परिवर्तन
कोरोनावायरस के बाद लोगों का रहन-सहन बदलने जा रहा है। आर्किटैक्ट्स व डिजाइनर्स का मानना है कि नए बनने वाले घरों की डिजाइन में आमूलचूल परिवर्तन आएगा। जिन बातों को घर या अपार्टमेंट बनाते समय कम जगह का हवाला देकर नजरअंदाज कर दिया जाता था, उनकी मांग बढ़ेगी। घर में लोग आॅफिस स्पेस, क्लासरूम, आर्ट स्टूडियो, जिम के साथ स्टोरेज बढ़वाएंगे। हालांकि, शहरी इलाकों में यह सब चुनौती साबित होगा।
काॅलेज कैंपस की तरह घर में खाने, पढ़ने, सोने की सीमाएं टूट सकती हैं। किसी अपार्टमेंट का एक कमरा कई काम आ सकता है। डाइनिंग रूम, दफ्तर या कुछ और रूप भी ले सकता है।
कमरों का आकार बदल सकता है। घर में छोटी ऐसी जगह निकाली जा सकती है, जहां प्राइवेट काॅल या वीडियो काॅन्फे्रसिंग कर सकें। आर्किटेक्स माॅरेस एड्ज्मी कहते हैं, अब ताजी हवा व प्रकृति से जुड़ाव लोगों की प्राथमिकता बन जाएगी। इसे अधिक बालकनी या टेरेस बनाकर पूरा किया जा सकता है।
शहरों में लिविंग रूम में फ्रेंच डोर (पारदर्शी दरवाजे) या जुलिएट बालकनी (खड़े होने लायक जगह) बनाकर ऐसा किया जा सकता है।
बड़ी खिड़की या क्राॅस वेंटिलेशन के लिए बड़ी डिजाइन का चलन लौट सकता है।
शहरी इलाकों के घरों या फ्लैट में स्टोर जरूरी हो जाएंगे। बड़ी अलमारी या पैंट्रीज बनने लगेंगी।
चूंकि सतह को छूने से कोरोना वायरस चिपक सकता है। इसलिए स्मार्ट होम टेक्नोलाॅजी की मांग बढ़ेगी। घर ‘आते ही’ दरवाजा अपने आप खुलेगा या बत्तियां जल जांएगी। ये तकनीकें उपलब्ध हैं, लेकिन अब तक इन्हें अतिरिक्त माना जाता था। लिफ्ट में बटन प्रेस करने के बजाय बोलना भी पर्याप्त हो सकता है।
घर में प्रवेश करते ही हाॅल से पहले उपकक्ष जैसी जगह बनने लगेगी, जहां लोग जूते-चप्पल उतार सकें या सामान रख सकें। अब तक ऐसी जगह नजरअंदाज कर दी जाती थी।
टीबी-इन्फलूएंजा के बाद 20 वीं शताब्दी में आया था बदलावः आर्किटेक्ट पाॅल व्हालेन कहते हैं, ‘एक शताब्दी पहले टीबी और साल 1918 में इन्फ्लूएंजा जैसी बीमारी आई थी। इसका आर्किटेक्चर पर बड़ा असर हुआ था और स्वास्थ्य-भवन बनाए जाने लगे थे। ये खुले-खुले होते थे। खूब सारे प्रकाश और हवा की व्यवस्था रहती थी। इस तरह के आर्किटेक्चर का 20वीं शताब्दी के घरों में खासा प्रभाव रहा।’ खुले-खुले घर बनाने का चलन फिर लौट सकता है।