Connected cars to gain attraction in Indian market
- July 13, 2020
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Connected cars to gain attraction in Indian market
India is one of the few countries where willingness to pay for advanced technologies is fairly promising, according to Deloitte’s Global Automotive Customer Research for 2020.
The survey revealed that two out of three Indians are willing to pay up to Rs 50,000 for connected technologies. By 2025, most cars in India are expected to be connected to users’ homes and offices. Partnerships between OEMs (original equipment manufacturers) and insurance companies (that may want to use data from the car to design personalised products) are likely to increase significantly, the survey said.
Connected car technology in India is still at a nascent stage, with a meagre 5 per cent penetration in the case of infotainment systems and digital cockpits. Connectivity is largely restricted to smartphones and in-car infotainment devices. Rajeev Singh, partner and automotive sector leader at Deloitte, believes that the propensity to adapt to connected technologies is set to gather momentum in the pandemic-hit country.
“The need for being connected is a lot more now than what it had been in the past. The era of a chauffeur-driven car will be a thing of the past,” said Singh.
भारतीय खरीदारों के बीच कनेक्टेड कारों की बढ़ेगी लोकप्रियता
डेलाॅयट के 2020 के लिए लोबल ऑटोमोटिव कस्टमर रिसर्च से पता चलता है कि भारत उन कुद देशों में शामिल है जहां आधुनिक प्रौद्योगिकियों के लिए पैसा खर्च करने का उत्साह अच्छा खासा है। इस सर्वे से पता चला है कि प्रत्येक तीन में से दो भारतीय कनेक्टेड प्रौद्योगिकियों के लिए 50,000 रुपये तक खर्च करने को इच्छुक हैं।
वर्ष 2025 तक भारत में ज्यादातर कारों के उपयोगकर्ताओं के घर और कार्यालयों से जुड़ने की संभावना है। सर्वे के अनुसार ओईएम (मूल उपकरण निर्माताओं) और बीमा कंपनियों (जो व्यक्तिगत बीमा उत्पाद डिजाइन करने के लिए कारों से डेटा इस्तेमाल कर सकती है) के बीच भागीदारियां बढ़ने की संभावना है। भारत में कनेक्टेड कार टेक्नोलाॅजी अभी शुरुआती अवस्था में है और इन्फोटेनमेंट सिस्टम्स और डिजिटल काॅकपिट की महज 5 प्रतिशत पैठ है। कनेक्टिविटी काफी हद तक स्मार्टफोन और इन-कार इन्फोटेनमेंट डिवाइस तक सीमित है।
डेलाॅयट में पार्टनर एवं ऑटोमोटिव सेक्टर के दिग्गज राजीव सिंह का मानना है कि कनेक्टेड टेक्नोलाॅजी को अपनाने की प्रवृत्ति महामारी प्रभावित इस देश में तेजी से बढ़ने की संभावना है। चूंकि लोग ड्राइवर पर निर्भर रहने के बजाय स्वयं गाड़ी चलाना पसंद करते हैं, इसलिए इस तरह के फीचर्स की लोकप्रियता बढ़ेगी।
सिंह ने कहा, ‘पुराने समय के मुकाबले अब सब कुछ ऑनलाइन से जोड़ने की जरूरत बढ़ी है। यात्रा के लिए ड्राइवर पर निर्भरता काफी हद तक खत्म हो जाएगी।