Emphasis on Reducing Rates, Increasing Residential Demand
- November 16, 2020
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Realty developers and consultants point out that the Reserve Bank of India (RBI) rationalized the risk weight of housing loans and linked housing loan risks to loan to value (LTV) to provide more credit to customers, fund buyers. Cost reduction and demand for houses are expected to improve.
The RBI has increased the single party exposure limit for retail and small business loans from R5 crore to R7.5 crore. The RBI has relaxed the risk weighting for all new home loans to be taken by 31 March 2022. Under the existing system (in which it was linked to both the size and LTV of housing loan), now the credit risk will be linked only to LTV of housing loan. Although the RBI has not changed the repo rate, it has decreased by 115 basis points since March 2020.
Advisers say the central bank’s new move is likely to help customers of higher value loans and premium housing, as such loans had a significantly higher risk weight.
SBI Chairman Dinesh Khara said that raising the risk weight limit for retail portfolios to R7.5 crore and linking the housing loan risk weight to LTV ratio are innovations of the policy. This will increase enthusiasm in the market.
दरें घटाने, आवासीय मांग बढ़ाने पर जोर
रियल्टी डेवलपरों और कंसल्टेंटों का कहना है कि भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) द्वारा आवास ऋणों के जोखिम भारांक को तर्कसंगत बनाने और आवास ऋण जोखिमों को लोन टु वैल्यू (एलटीवी) से जोड़ने से ग्राहकों के लिए अधिक ऋण उपलब्ध होने, खरीदारों के लिए अधिक ऋण की लागत में कमी आने और मकानों के लिए मांग में सुधार आने की संभावना है।
आरबीआई ने रिटेल और छोटे व्यावसायिक ऋणों के लिए सिंगल पार्टी एक्सपोजर सीमा 5 करोड़ रुपये से बढ़ाकर 7.5 करोड़ रुपये कर दी है। आरबीआई ने 31 मार्च, 2022 तक लिए जाने वाले सभी नए आवास ऋणों के लिए जोखिम भारांक को नरम बना दिया है। मौजूदा व्यवस्था (जिसमें यह आवास ऋण के आकार और एलटीवी, दोनों से जुड़ा हुआ था) के तहत अब ऋण जोखिम सिर्फ आवास ऋण की एलटीवी से जुड़ा होगा। हालांकि आरबीआई ने रीपो दर में बदलाव नहीं किया है, लेकिन इमसें मार्च 2020 से 115 आधार अंक तक की कमी आ चुकी है।
परामर्शदाताओं का कहना है कि केंद्रीय बैंक के नए कदम से ऊंची वैल्यू वाले ऋणों और प्रीमियम हाउसिंग के ग्राहकों को मदद मिलने की संभावना है, क्योंकि ऐसे ऋणों पर काफी ज्यादा जोखिम भारांक था।
एसबीआई के चेयरमैन दिनेश खारा ने कहा कि रिटेल पोर्टफोलियो के लिए जोखिम भारांक की सीमा बढ़ा कर 7.5 करोड़ रुपये तक करना और आवासीय ऋण जोखिम भारांक को एलटीवी अनुपात से जोड़ना नीति की नवीनताएं हैं। इससे बाजार में उत्साह बढ़ेगा।