FinMin working on faster and accurate data
- May 31, 2022
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The finance ministry (FinMin) has asked Infosys to work on ways to extract and access taxpayer’s real-time data faster and accurately as it is crucial for taking decisions on policy changes.
While reviewing progress of the income tax portal 2.0 which had faced glitches, the officials also told the Infosys team to increase the scope of pre-filled data in the ITR forms.
Senior officials in the ministry held a review meeting last month with the Infosys team and officials of the Central Processing Centre (CPC). They took up a host of key issues concerning the new portal and other tax return-related matters. Tax return filing is processed by the CPC.
The ministry is learnt to have also inquired about the availability of data of interest on deposit with companies, government securities, gold bonds, insurance, equity/intraday trading data, EPF and also GST data for use in pre-fill.
The new portal would be integrating data from all the concerned departments so that all transactions by the assessee would get pre-filled.
The integrated system will look at discrepancies between the data disclosed by an assessee and match it with the data fetched from stock exchanges, using artificial intelligence, said officials in the know.
The ministry also asked the technology firm to expedite the new payment system of the portal and roll it out in the current financial year. This would allow payment of taxes via multiple options, including credit cards and unified payment interface (UPI).
Infosys further said that tax calculation, matching receipts, data quality check, prima facie adjustments under Section 143, insight risk score and defective returns are among the key reasons for delay.
Finmin officials also raised concerns over physical filing of returns. About 10 million people still file tax returns physically and the department keeps copies of those. They said keeping such a huge volume of documents is not required. They also felt efforts should be made to communicate with taxpayers for e-verification so that 100 per cent of the filing can be done digitally.
The ministry also suggested that Infosys and others be well prepared in advance to avoid any crisis and also keep a note on the learning’s from the portal failure in the past.
Fin Min द्वारा तेज और शुद्ध डाटा निकालने की कोशिश
वित्त मंत्रालय ने इन्फोसिस से कहा है कि वह करदाताओं के रियल टाइम डेटा को तेजी और शुद्धता के साथ निकालने और आकलन के तरीके को इजाद करे। मंत्रालय ने इसका मकसद बताया है कि यह नितिगत बदलावों पर निर्णय लेने के लिए अहम है।
आयकर पोर्टल के दूसरे संस्करण की प्रगतिकी समीक्षा करते हुए अधिकारियों ने इन्फोसिस की टीम से यह भी कहा है कि वे आईटीआर फॉर्म में पहले से भरे हुए डेटा के दायरे को बढ़ाएं। इस पोर्टल के इस्तेमाल में कुछ परेशानी उजागर हुई थी।
मंत्रालय के वरिष्ठ अधिकारियों ने पिछले महीने इन्फोसिस की टीम और सेंट्रल प्रोसेसिंग सेंटर (सीपीसी) के साथ एक समीक्षा बैठक की थी। उन्होने इस बैठक में नए पोर्टल और अन्य कर रिटर्न संबंधी मामलों के संबंध में कई महत्वपूर्ण मुद्दे उठाए थे। कर रिर्टन फाइलिंग पर कार्रवाई सीपीसी करता है।
पता चला है कि मंत्रालय ने कंपनियों, सरकारी प्रतिभूतियों, स्वर्ण बॉन्ड़ों, बीमा इक्विटी या इंट्राडें ट्रेडिंग डेटा, ईपीएफ में जमा पर ब्याज आंकड़ो और पहले से भरने के लिए जीएसटी डेटा की उपलब्धता के बारे में भी पूछताछ की।
नए पोर्टल पर सभी संबंधित विभागों से डेटा को जुटाया जाएगा जिससे कि जिस व्यक्ति का आकलन किया जाना है (निर्धारित) उसके द्वारा किए गए सभी लेनदेन को फॉर्म में पहले से भरा जा सके।
इस मामले से अवगत अधिकारियों ने कहा कि एकीकृत प्रणाली निर्धारिती द्वारा दिए गए आंकड़ों के बीच विसंगतियों को देखेगी और स्टॉक एक्सचेजों से जुटाए गए आंकड़ों से इसका मिलान करेगी जिसके लिए कृत्रिम बुद्धिमत्ता का सहारा लिया जाएगा।
मंत्रालय ने इस प्रौद्योगिकी कंपनी से पोर्टल की नई भुगतान प्रणाली को भी तीव्र करने के लिए कहा है और इसे चालू वित्त वर्ष में शुरू करने के लिए कहा है। इसके चालू हो जाने पर विभिन्न विकल्पों के माध्यम से करों के भुगतान की अनुमति दी जाएगी जिसमें क्रेडिट कार्ड और यूनिफाइड पेंमेंट इंटरफोस (यूपीआई) भी शामिल होगा।
इंफोसिस ने आगे कहा कि टैक्स कैलकुलेशन, मैचिंग रिसीट्स, डेटा क्वालिटी चेक, सेक्शन 143 के तहत प्रथम दृष्टया एडजस्टमेंट, इनसाइट रिस्क स्कोर और दोषपूर्ण रिटर्न देरी के प्रमुख कारणों में से हैं।
FM के अधिकारियों ने रिटर्न की भौतिक फाइलिंग पर भी चिंता जताई। लगभग 10 मिलियन लोग अभी भी भौतिक रूप से टैक्स रिटर्न दाखिल करते हैं और विभाग उनकी प्रतियां रखता है। उन्होंने कहा कि इतनी बड़ी मात्रा में दस्तावेज रखने की जरूरत नहीं है। उन्होंने यह भी महसूस किया कि ई-सत्यापन के लिए करदाताओं के साथ संवाद करने के प्रयास किए जाने चाहिए ताकि 100 प्रतिशत फाइलिंग डिजिटल रूप से की जा सके।
मंत्रालय ने यह भी सुझाव दिया कि इंफोसिस और अन्य को किसी भी संकट से बचने के लिए पहले से तैयार रहना चाहिए और अतीत में पोर्टल की विफलता से मिली सीख पर भी ध्यान देना चाहिए।