आवासीय क्षेत्र ही होगें रियल सेक्टर के विकास वाहक
- मार्च 9, 2024
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पिछले तीन सालों से घरों की मांग में मजबूती देखी जा रही है। 2023 में घरों की मूल्य बढ़ने के बाद भी घरों की मांग में इजाफा हुआ है।
2020 और 2021 में कम ब्याज दर सबसे कम रही। इसके साथ ही 2013 से 2020 तक आठ साल में जब बाजार में गिरावट दर्ज की गई, तब भी संपत्ति की कीमतें लगभग स्थिर रही।
कोविड महामारी के बाद जीवन शैली में आए बदलाव का असर आवासीय क्षेत्र की मांग पर नजर आ रहा है। लोगों की प्राथमिकता में अब घर में व्यक्तिगत व बहुउपयोगी जगह बढ़ रही है। परिणाम स्वरूप भारत में महंगे घरों की मांग बढ़ रही है। इस मांग में अत्याधुनिक सुविधाओं से सुसज्जित घरों की मांग के साथ मध्यम सुविधाओं के साथ आधुनिक सुविधाओं युक्त घर की बढ़ती मांग भी शामिल है।
अब हर कोई ऐसे महंगे घर पर खर्च करना चाहता है जो उसकी जीवन शैली में आधुनिकता लाने वाला हो। विमुद्रीकरण, जीएसटी और रेरा के नियमों के बावजूद हाउसिंग सोसायटी क्षेत्र में विकास दर्ज किया गया है।
बढ़ रहे शहरीकरण, आर्थिक विकास की रफ्तार से बढ़ रही प्रति व्यक्ति आय हाउसिंग सोसायटी के विकास की नई संभावनाओं को जन्म दे रहे हैं। भारत की जीडीपी वृद्धि दुनिया में सबसे अधिक है, इन सभी कारणों की वजह से देश में रियल एस्टेट क्षेत्र में लंबे समय तक मांग बनी रहने की पूरी संभावना है।
2024 से कम से कम अगले तीन से पांच वर्षों में आवासीय क्षेत्र में मांग बनी रहेगी, क्योंकि यह क्षेत्र अभी भी विकास के शुरुआती चरण में है।
हाउसिंग सोसायटी संचालक अपने ग्राहकों के लिए उच्च गुणवत्ता युक्त सर्व सुविधा संपन्न घर की योजनाओं को शुरू कर रहे हैं।
इससे देश में इस क्षेत्र के विकास की असीम संभावनाएं है।
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