धार्मिक शहरों में घर खरीदने के साथ साथ निवेश करने में इच्छुक जनता की मांग में वृद्धि को देखते हुए अब अपने प्रसार के लिए रियल एस्टेट डेवलपर्स की निगाहें इन शहरों में केन्द्रित हो गई हैं।

अयोध्या, वाराणसी, वृन्दावन, हरिद्वार और तिरूपति जैसे शहरों में दिल्ली और मुंबई के डेवलपर्स भूमि अधिग्रहण कर नयी परियोजनाएं शुरू कर रहे हैं।

धार्मिक महत्व वाले शहरों में खरीददार अपनी जरूरत और निवेश समेत कई कारणों से घर खरीद रहे हैं। इसकी एक वजह यह है भी कि धार्मिक शहरों में लोग सेवानिवृति के बाद रहना पसंद करते हैं। इसके साथ ही धार्मिक महत्व की वजह से बहुत से लोग यहां रहना चाहते हैं।

यहां पर्यटकों की संख्या में तेजी से इजाफा हो रहा है। इसका असर यहां की बढ़ती अर्थव्यवस्था पर साफ नजर आ रहा है। जो स्थानीय निवासियों को समृद्ध कर रहा है। इन शहरों में औद्योगिक विकास भी स्वतः होता है।

उत्तर प्रदेश सरकार थीम-आधारित टाउनशिप विकसित करने के लिए इन शहरों में भूमि का अधिग्रहण भी कर रही है। इसने अयोध्या में 1,000 एकड़ की टाउनशिप की योजना बनाई है जो समकालीन और पारंपरिक वास्तुशिल्प का मिश्रण होगी।

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अगस्त 2020 में भव्य राम मंदिर के लिए भूमि पूजन समारोह के बाद से शहर में जमीन की कीमतें और संपत्ति में पचास प्रतिशत की वृद्धि हुई है।

राम मंदिर ट्रस्ट के अनुमान के अनुसार, मंदिर में प्रतिदिन 80,000-100,000 श्रद्धालु आ रहें हैं।

प्रशासन ने कहा है कि सब्सिडी और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के तहत निवेशकों को सभी सुविधाएं प्रदान की जाएगी।

पर्यटकों की नियमित आवागमन से इन शहरों में बहुत सारे होटल भी खुल गए हैं। अपार्टमेंट और मौजूदा छोटे घर को किराये पर लिया जा रहा है। जिसे ऑन लाइन बुकिंग से देश और विदेश में कहीं से भी बैठ कर अग्रीम बुकिंग करायी जा सकती है।

कहना गलत नहीं होगा कि डिजिटलीकरण से धार्मिक शहर में घर के किराये में भी वृद्धि भी हुई है।


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