
सुप्रीम कोर्ट ने कोर्ट से नकद लेनदेन की जानकारी आयकर विभाग को देने को कहा
- मई 2, 2025
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सुप्रीम कोर्ट ने कहा है, कि जब यह जानकारी मिले कि ₹2 लाख या उससे अधिक की राशि किसी अचल संपत्ति से जुड़े लेनदेन में दी गई है, और यदि पंजीकरण प्राधिकरण ने इस जानकारी को नहीं भेजा, तो यह राज्य के मुख्य सचिव के संज्ञान में लाया जाए।
मुख्य सचिव उस अधिकारी के विरुद्ध अनुशासनात्मक कार्रवाई शुरू कर सकते हैं जिसने लेन-देन की सूचना समय पर नहीं दी है।
आयकर अधिनियम की धारा 269ST के अनुसार, किसी भी व्यक्ति को एक दिन में, एक व्यक्ति से ₹2 लाख या उससे अधिक की नकद राशि प्राप्त करने की अनुमति नहीं है। चाहे वह एकल लेनदेन हो या किसी अवसर से जुड़े कई लेनदेन। यदि कोई व्यक्ति इस सीमा से अधिक की नकद राशि प्राप्त करता है, तो उसे उतनी ही राशि का जुर्माना देना होगा जितनी राशि प्राप्त की गई है।
इस मामले पर कानून विशेषज्ञों ने कहा कि “हालाँकि यह नकद लेनदेन पर रोक लगाने का सबसे प्रभावी तरीका हो सकता है। लेकिन इससे घर खरीदने वालों को दिक्कत आ सकती है अगर बिल्डर नगद लेन देन की जानकारी समय पर नहीं देंगे। हालाँकि कानून के अनुसार दंड नकद लेने वाले पर लागू होता है।”
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