Income Tax Department in action again
- July 16, 2020
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Income Tax Department in action again
With the lockdown, imposed at the beginning of the financial year, affecting its revenue collection significantly, the Income-tax (I-T) department has started the proceedings in all pending tax assessments matters, particularly in metro cities.
The National e-assessment Centre in a communique to all chief commissioners of Delhi, Mumbai, Chennai and Kolkata said, “The embargo to e-communicate with the pool of taxpayers (assessed under different regional e-assessment centres) has been lifted with immediate effect.”
In May, the CBDT had directed tax officials not to keep any communication with assessees or issue scrutiny notices to them without the board’s approval. This is because such notices would have an “adverse effect” on the assessees amid the coronavirus (Covid-19) pandemic.
The letter from the e-assessment centre further directed tax officials to target 5,000 assessments per week in line with the CBDT action plan for the current financial year. “You may start with the proceedings in all pending assessments. The cases where partial response is on record may be prioritised,” it said.
आयकर विभाग फिर से सक्रिय
वित्त वर्ष की शुरुआत में लाॅकडाउन के कारण राजस्व संग्रह बुरी तरह प्रभावित हुआ है। अब आयकर विभाग ने लंबित कर आकलन के मामलों, खासकर महानगरों में प्रक्रिया तेज कर दी है।
राष्ट्रीय ई आकलन केंद्र ने दिल्ली, मुंबई, चेन्नई और कोलकाता के सभी मुख्य आयुक्तों को भेजे संदेश में कहा है, ‘करदाताओं को ई-कम्युकेशन पर लगी रोक को तत्काल प्रभाव से हटाया जाता है।’
मई में सीबीडीटी ने कर अधिकारियों को निर्देश दिया था कि बोर्ड की मंजूरी के बगैर करदाता को वह कोई पत्र न भेजें या उन्हें कोई स्कुटनी नोटिस न जारी किया जाए। ऐसा इसलिए किया गया था कि इर तरह के नोटिस से करदाताओं पर बुरा असर पड़ेगा, जो कोविड-19 महामारी से जूझ रहे हैं।
ई-आकलन केंद्र की ओर से जारी पत्र में आगे यह भी निदे्रश दिया गया है कि वे प्रति सप्ताह 5,000 आकलन का लक्ष्य रखें और चालू वित्त वर्ष के सीबीडीटी की कार्ययोजना के मुताबिक काम करें।