The Union budget announcement to raise government capital expenditure by 35.4 per cent to R7.5 trillion will lead to additional orders for Indian companies.

Apart from participating in infrastructure projects such as new roads and highways, railways, Indian companies will also get orders in various other social welfare projects such as drinking water projects which was allocated R60,000 crore and housing projects with an allocation of R48,000 crore.

CEOs said Indian companies can also participate in setting up additional 100 cargo terminals in the next three years, highway expansion by 25,000 kilometers, four multi-modal national parks; standardization of metro systems including civil structures and four pilot projects for setting up coal gasification. The special assistance to states for capital expenditure has been increased which is expected to support the order inflows for local companies.

India Inc leaders said increasing capital expenditure is a good move to revive private companies. “The increased capex outlay of R7.50 lakh crore further demonstrates the intent of the government to create the necessary impetus for the economy,”

The massive hike in public investment will be the booster dose to restart corporate investments. “‘The infrastructure allocation with a focus on technology will generate employment and help transform tomorrow”,

CEOs said the higher spending on capex by the government will be beneficial for Corporate India as it tends to have a multiplier effect on the economy by crowding in private investments through its forward and backward linkages to several other sectors. “This would help to streamline job creation and potentially kickstart a virtuous cycle of consumption-led growth,”


भारतीय उद्योग जगत को खर्च बढ़ने से फायदा


बजट में सरकारी पूंजीगत खर्च 35.4 प्रतिशत तक बढ़ाकर 7.5 लाख करोड़ रुपये किए जाने की घोषणा से कई भारतीय कंपनियों के लिए अवसरों में वृद्धि होगी।

नई सड़क एवं राजमार्ग, रेलवे जैसी इन्फ्रा परियोजनाओं में भागीदारी के अलावा, भारतीय कंपनियों को कई अन्य सामाजिक कल्याण संबंधित परियोजनाओं में भी ऑर्डर मिलेंगे, जिनमें पेयजल और आवासीय परियोजनाएं भी शामिल हैं जिन्हे 60,000 करोड़ रुपये तथा 48,000 करोड़ रुपये का आवंटन किया गया था।

मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि भारतीय कंपनियां अगले तीन वर्षों में अन्य 100 कारगो टर्मिनलों की स्थापना, 25,000 किलोमीटर तक के राजमार्ग विस्तार, चार मल्टी-मॉडल राष्ट्रीय पार्कों, मेट्रो प्रणालियों के मानकीकरण आदि में भागीदारी कर सकती हैं। पूंजीगत खर्च के लिए राज्यों को विशेष सहायता बढ़ाई गई है, जिससे स्थानीय कंपनियों को ऑर्डर प्रवाह में मदद मिलने की संभावना है।

भारतीय उद्योग दिग्गजों का कहना है कि पूंजीगत खर्च में वृद्धि निजी कंपनियों के कायाकल्प के लिए एक अच्छा बदलाव है।

7.50 लाख करोड़ रुपये की पंजीगत व्यय वृद्धि से अर्थव्यवस्था के लिए जरूरी प्रयास किए जाने की सरकारी योजनाओं की पुष्टि हुई है।’ सार्वजनिक निवेश से भारी वृद्धि से कॉरपोरेट निवेश पुनः शुरू करने की दिशा में बड़ी मदद मिलेगी।

‘प्रौद्योगिकी पर जोर दिए जाने के लक्ष्य के साथ इन्फ्रास्ट्रक्चर आवंटन से रोजगार पैदा होंगे और आगामी भविष्य में बदलाव लाने में मदद मिलेगी।’ मुख्य कार्याधिकारियों का कहना है कि सरकार द्वारा पंूजीगत खर्च पर अधिक जोर दिए जाने से कॉरपोरेट भारत को मदद मिलेगी, क्योंकि इसका कई अन्य क्षेत्रों के जरिये निजी निवेश में वृद्धि से अर्थव्यवस्था पर व्यापक असर दिखेगा।

इससे रोजगार सृजन की राह आसान बनाने और खपत-केंद्रित वृद्धि का चक्र शुरू करने में मदद मिलेगी।