Indian Industry must raise its investment in in-house R&D five-fold

Research and Development (R&D) is a large global enterprise. The world invests a little over 2 per cent of gross domestic product (GDP) in R&D. This spending is hugely concentrated. Of the $2 trillion spent on global R&D, the top five (of over 180) countries – the Us, China, Japan, Germany and South Korea – account for three – quarters. In house spending by industry account for a little over two-thirds of all R&D investment, with the balance split 60:40 between higher education and government laboratories. Within industry, the top five industries – pharmaceuticals, automobiles, technology hardware, software and electronics – account for 73 per cent of all industrial R&D.

India’s ranking-

On all these measures, India lags. As prominently advertised, we are now the world’s fifth largest economy. But in total R&D investment we rank 16th, below Israel, a country with a GDP one-sixth ours, and a population under one – hundredth of ours. In-house R&D by industry less even further behind, with $ 7 billion in investments and ranking 22nd between Poland and Singapore. The net effect is that Indian firms invest 0.3 per cent of GDP in in-house R&D, compared to a world average of 1.5 per cent.

What should be done– drive change in our industrial structure, use trade policy to force competition on our firms, and drastically reform our public research system.

1. What is the R&D spend, as a per cent of sales? How does this compare with the top 10-20 firms in the same industry worldwide?
2. What role does export play? As per cent of turnover? What role do new products play in exports? A higher or lower share than the overall export share?
3. New products as a per cent of turnover? Do new products sell at a higher or lower gross margin than the average?

4. How many engineers/scientists in R&D? How does this compare with any of the top 10-20 firms in the industry worldwide?

Almost every firm overseas is struggling to recruit talent; we have an abundance of talent. Our fresh engineers need training and exposure, but the raw material is there. Foreign firms recognise our talent; of the 100 top investors in R&D, two-thirds have R&D centers in India.



भारतीय उद्योग जगत को आंतरिक शोध एवं
विकास में अपना निवेश कम से कम पांच गुना बढ़ाना होगा

शोध एवं विकास एक बड़ा वैश्विक उद्यम है। दुनिया के कुल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) का दो फीसदी से थोड़ा अधिक शोध एवं विकास में व्यय किया जाता है। दुनिया के 180 से अधिक देशों में शोध एवं विकास में दो लाख करोड़ डॉलर से अधिक की जो राशि व्यय की जाती है उसमें अमेरिका, चीन, जापान, जर्मनी और दक्षिण अफ्रीका की हिस्सेदारी तीन चौथाई से अधिक है। उद्योगों का आंतरिक व्यय कुल शोध एवं विकास निवेश के दो तिहाई से थोड़ा अधिक है। इसमें भी उच्च शिक्षा और सरकारी प्रयोगशालाओं में व्यय 60ः40 में बंटा हुआ है। उद्योगों की बात करें तो पूरे औद्योगिक शोध एवं विकास में 73 फीसदी शीर्ष पांच उद्योगों-औषधि, वाहन, तकनीक, हार्डवेयर, और इलेक्ट्रॉनिक्स द्वारा।

भारत की स्थिति-

भारत इन सभी मोर्चों पर पीछे है। जैसा कि प्रचारित किया जाता है, हम दुनिया की पांचवीं बड़ी अर्थव्यवस्था हैं। परंतु शोध एवं विकास में निवेश के मामले में हम 16 वें स्थान पर हैं। यहां तक कि इजरायल भी हमसे आगे है जिसका जीडीपी हमारे जीडीपी की तुलना में छठे हिस्से के बराबर और आबादी हमारे सौवें हिस्से के बराबर है। उद्योग जगत के आंतरिक शोध एवं विकास में तो हम और भी पीछे हैं। यहां हम 7 अरब डॉलर के निवेश के साथ पोलैंड और सिंगापुर के बीच 22 वें स्थान पर हैं।

क्या करना चाहिए- हमें अपने औद्योगिक ढांचे में बदलाव लाना होगा, अपनी कंपनियों को प्रतिस्पर्धी बनाने के लिए बदलाव को आकार देना होगा, अपनी कंपनियों पर प्रतिस्पर्धी होने का दबाव बनाने के लिए व्यापार नीति का इस्तेमाल करना होगा तथा सार्वजनिक शोध प्रणाली में परिवर्तन करना होगा।

1. शोध एवं विकास का व्यय क्या है? बिक्री का कितना प्रतिशत उस पर व्यय किया जाता है? दुनिया भर में समान उद्योग की 10-20 कंपनियों के साथ उसकी तुलना से क्या नतीजे मिलते हैं?
2. टर्नओवर के प्रतिशत के रूप में निर्यात की क्या भूमिका है, निर्यात में नए उत्पादों की क्या भूमिका है? कुल राजस्व हिस्सेदारी से अधिक या कम?
3. टर्नओवर में नए उत्पादों का प्रतिशत? क्या नए उत्पाद औसत से अधिक मार्जिन पर बिकते हैं या कम?

4. शोध एवं विकास में कितने इंजीनियर और वैज्ञानिक लगे हैं? वैश्विक उद्योगों की 10-20 शीर्ष कंपनियों से इसकी तुलना के नतीजे क्या हैं?
विदेशों में लगभग हर कंपनी प्रतिभाओं को जुटाने के लिए संघर्ष कर रही है। हमारे पास प्रतिभाएं प्रचुर मात्रा में हैं। हमारे नए इंजीनियरों को प्रशिक्षण और काम के अवसर की जरूरत है। विदेशी कंपनियां हमारी प्रतिभाओं को पहचानती हैं। इसलिए दुनिया भर के प्रमुख 100 R&D निवेशकों में से दो तिहाई का R&D सेंटर भारत में है।

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