Govt Bans Import of Power supply Equipments

India has a power generation capacity of 395.6 GW. 80-90 per cent of the total electricity generated in the country is coal based. The demand for electricity increased but due to shortage of coal in the power generation plants, the production is not meeting the demand. Meanwhile there is a range of wagons (train coaches) supplying coal to the coal production centers. Due to which the supply of coal is getting weaker than the demand. Local, decentralized continuous decentralized power generation is critical to ameliorating the current power crisis situation.


Abuse must stop


The ever-increasing utility of electricity has created a power crisis. The government should distribute solar energy equipment at very low prices so that its utility can be increased. The misuse of non-essential electricity should be stopped, if the individual level also follows discipline in the use of electricity, then 20-25 percent electricity can be saved in the homes. Every citizen should make little sacrifice to save electricity. Scientists will have to find other sources of energy that can save from the power crisis.

Large scale domestic consumption of solar energy can also solve the problem of electricity. Solar plants in societies and community colonies can solve the challenging problem of electricity by making panels mandatory.


Electricity price should be commensurate with the cost


The first step to avoid the power crisis would be to reduce the consumption of energy in the country. If the government gives subsidy to install electric efficient motors, then the energy consumption in the country will be less. Second, the government will have to make monthly changes in electricity prices, just as oil prices are being changed daily. With this, the electricity board will be able to provide electricity to the consumer according to the purchase price.


बिजली संकट: क्या हो समाधान बिजली संकट: क्या हो समाधान


भारत में 395.6 गीगावॉट बिजली उत्पादन की क्षमता है। देश में तैयार होने वाली कुल बिजली का 80-90 फीसदी उत्पादन कोयला आधारित है। बिजली की मांग बढ़ी लेकिन बिजली उत्पादन संयंत्रों में कोयले की कमी के चलते मांग के अनुरूप उत्पादन नहीं हो पा रहा है। इस बीच कोयले का उत्पादन केंद्रों तक कोयले की आपूर्ति करने वाले वैगन (ट्रेन डिब्बे) की एक सीमा है। जिसके कारण मांग की अपेक्षा कोयले की आपूर्ति कमजोर पड़ जा रही है। वर्तमान बिजली संकट की स्थिति में सुधार के लिए स्थानीय, विकेंद्रीकृत निरंतर विकेंद्रीकृत विद्युत उत्पादन महत्वपूर्ण हैं।


दुरुपयोग रोकना होगा


बिजली की लगातर बढ़ती उपयोगिता ने ही बिजली का संकट पैदा किया है। सरकार सौर ऊर्जा के उपकरणों का वितरण बहुत कम कीमतों पर करें ताकि इसकी उपयोगिता बढ़ाई जा सके। गैर जरूरी बिजली का दुरुपयोग बंद कर दाना चाहिए यदि व्यक्तिगत स्तर भी बिजली के उपयोगं में अनुशासन बरतें तो घरों में 20-25 फीसदी बिजली की बचत हो सकती है। बिजली बचाने के लिए थोड़ा-थोड़ा त्याग सभी नागरिकों को करना चाहिए। ऊर्जा के अन्य स्रोत वैज्ञानिकों को खोजने होंगे जो बिजली संकट से बचा सकें।

सौर ऊर्जा की घरेलू खपत बड़े स्तर भी बिजली की समस्या हल कर सकती है। सोसाइटियों और सामुदायिक कॉलोनियों में सौर संयंत्र पैनल को अनिवार्य करके बिजली की चुनौतीपूर्ण समस्या हल कर सकते हैं।


लागत के अनुरूप हो बिजली के दाम


बिजली संकट से बचने के लिए पहला कदम देश में ऊर्जा की खपत कम करनी होगी। अगर सरकार बिजली की कुशल मोटरें लगाने के लिए सब्सिडी दें तो देश में ऊर्जा की खपत कम होगी। दूसरा सरकार को बिजली के मूल्यों में मासिक परिवर्तन करना होगा, जिस प्रकार तेल के मूल्यों में दैनिक परिवर्तन किया जा रहा है। इससे बिजली बोर्ड खरीद के मूल्य के अनुसार उपभोक्ता को बिजली उपलब्ध करा सकेंगें।