Praveen Aneja -Aneja Masterji plywood

MDF is ultimately cheaper for customer



How is the trade?

We have added many products to our spectrum such as Decorative, MDF, and Veneer etc. That’s why our work keeps on going on one way or the other. If we talk about plywood in particular, it is going slow continuously for the last four-five months.


Rates have been revised

Rates have increased in all other segments such as iron etc., but in plywood the rate has decreased comparatively. As long as the trader continues to get the option and one or the other manufacturer keeps on giving the goods at a lower rate, then how will the rates increase? And it is a fact that the producer is in distress, but there is very little chances for rate apprehension, in the present market condition.


Quality of plywood

We specially prefer to deal in quality plywood. Because there is no margin in low grade ply. Yes momentum is enough in it and keeps busy. But there is hardly any reward for hard work.


Scope of MDF

Although MDF is costlier than plywood, but ultimately it is cheaper for the consumer. That is why prelaminated MDF is now increasing its penetration in domestic furniture work like kitchen, cupboard etc. Margin comes out for us as well, because companies are offering many types of schemes in it.


Your purchases

Before the introduction of GST, most of the work was done from Punjab only, but now due to the uniformity in the tax structure, goods from other states are competitive equally. That’s why earlier which share of Yamuna Nagar etc. areas was negligible, now it has increased to 50-60 percent.


Benefits of GST
After the introduction of GST, there has been a lot of convenience in accounting. It has become a bit easier for growth and to enhance the capacity. There is also less tension among all stack holders as there is less scope for mistakes in billing.



एम डी एफ ग्राहकों को अंततः सस्ता ही पड़ता है



व्यापार कैसा है?

हमने अपने कार्यक्षेत्र में डेकोरेटिव, एमडीएफ, वीनीयर आदि कई उत्पाद जोड़ रखे हैं। इसलिए हमारा काम कुछ ना कुछ चलता ही रहता है। विशेष तौर पर प्लाईवुड की अगर बात करें तो इसमें पिछले चार-पांच महीनों से लगातार मंदा ही चल रहा है।


रेट बढ़ाए गए हैं

बाकी सभी सेगमेंट जैसे लोहा वगैरह में रेट बढ़े हैं, लेकिन प्लाईवुड में उल्टे रेट घटे ही हैं। ट्रेडर को जब तक ऑप्शन मिलती रहेगी और कोई ना कोई कम रेट पर माल देता रहेगा, तो फिर रेट बढ़ेंगे कैसे। और देखने में आ रहा है कि उत्पादक अभी दिक्कत में तो है, लेकिन रेट बढ़ा पाने की गुंजाइश अभी इस बाजार में तो नहीं है।


प्लाईवुड की क्वालिटी

हम विशेष तौर पर क्वालिटी प्लाईवुड को ही तरजीह देते हैं। क्योंकि हल्के प्लाई में कोई मार्जिन नहीं मिलता है। हां ट्रांजैक्शन काफी होता है और व्यस्तता बनाए रखता है। लेकिन मेहनत का कोई विशेष प्रतिफल नहीं मिलता।


MDF का बाजार

एमडीएफ वैसे देखा जाए तो प्लाईवुड से महंगा है, लेकिन अंततः वह ग्राहक को सस्ता ही पड़ता है। इसीलिए प्रीलेमिनेटेड एमडीएफ अब किचन, कप बोर्ड इत्यादि घरेलू फर्नीचर वर्क में अपनी पैठ बढ़ाता जा रहा है। हमारे लिए भी इसमें मार्जिन निकल आता है, क्योंकि कंपनियां कई तरह की स्कीम इसमें दे रही हैं।


आपकी खरीद

जीएसटी आने से पहले अधिकतर काम पंजाब से ही होता था लेकिन अब टैक्स स्ट्रक्चर एक जैसा हो जाने से बाहर प्रदेशों से से भी माल बराबर आने लग गया है। इसलिए पहले जहां यमुना नगर आदि क्षेत्रों का हिस्सा नहीं के बराबर था, अब यह बढ़कर 50-60 प्रतिशत तक हो गया है।


जीएसटी से फायदे

जीएसटी आने के बाद एकाउंटिंग में काफी सहूलियत हुई है। काम बड़ा करना थोड़ा सहज सा हो गया है। आपस में तनाव भी कम हो गया है क्योंकि बिलींग में गलतियां होने की गुंजाइश कम हो जाती है।


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