रूपया खुद रखेगा अपना ध्यान


भारत  के मुख्य आर्थिक सलाहकार ( सीईए ) वी अंनत नागेश्वरन ने कहा कि भारत रूपये का बचाव नहीं कर रहा है। उन्होंने  कहा कि भारतीय रिजर्व बैंक केवल आवश्यक कदम उठा रहा है, जिससे कि रूपये की चाल क्रमित और बाजार धारणा के अनुरूप रहे।

माइंडमाइन सम्मेलन में बोलते हुए उन्होंने कहा, ‘मुझे नहीं लगता कि भारत की मूल धारणाएं ऐसी हैं कि हमें रूपये का बचाव करने की जरूरत पड़े। रूपया अपना ध्यान खुद रख लेगा।‘

13 सितंबर को डॉलर के मुकाबले रूपया 79.1475 पर बंद हुआ, जो एक महीने से ज्यादा का उच्च स्तर है। स्थानीय ऋण और इक्विटी बाजारों में विदेशी प्रवाह बढ़ा है। 12 तारिख को रूपया 79.52 पर बंद हुआ था।

नागेश्वरन ने कहा कि अंतराष्ट्रीय एजेंसियां भारत की वृद्धि दर 6 प्रतिशत रहने का अनुमान लगा रही है, वहीं देश की वृद्धि दर आसानी से मौजूदा दशक और आगे भी 7 प्रतिशत सालाना से ऊपर रह सकती है।

उन्होंने कहा, ‘मैं 6 प्रतिशत वृद्धि को आसानी से हासिल होने वाली वृद्धि दर मान रहा हूं।  इसमें पूंजीगत व्यय बढ़ाने से 0.5 प्रतिशत वृद्धि होने का अनुमान लगा रहा हूं। साथ ही हमने जो डिजिटल पब्लिक इन्फ्रास्ट्रक्चर तैयार किया है, उससे जीडीपी में 0.5 प्रतिशत वृद्धि का अनुमान है।‘ उन्होंने जोड़ा।

अगर अगले कुछ वर्ष वैश्विक चक्र भी हमारे पक्ष में चलता रहा तो निर्यात वृद्धि हमे अतिरिक्त प्रोत्साहन देगी, जिससे हमारी वृद्धि 7.5 प्रतिशत या 8 प्रतिशत हो जाएगी।

सीईए ने कहा कि भारत ने पिछले दशक में आर्थिक विकास पर काफी नुकसान उठाया है क्योंकि बैंकिंग क्षेत्र और कार्पोरेट क्षेत्र दोनों अपनी बैलेंस शीट की मरम्मत कर रहे थे। ‘‘बैंकिंग क्षेत्र में मरम्मत कार्य हो चुका है जो उधार देने को तैयार हैं और कार्पोरेट क्षेत्र उधार लेने और निवेश करने की प्रतीक्षा कर रहा है। जो युद्ध और महामारी के कारण अस्थायी अनिश्चितताओं के कारण रूक गया था, ”उन्होंने कहा।


Rupee can take care of itself


India is not defending the rupee and the Reserve Bank of India (RBI) is only taking necessary step to ensure that the movement of the rupee is gradual and in line with market trends, Chef Economic Adviser (CEA) V Anantha Nageswaran said.

I don’t think Indian fundamentals are such that we need to defend the rupee. The rupee can take care of itself,” he said, while speaking at the Mind mine summit.

On 13 September, the rupee closed at an over one-month high of 79.15 against the Dollar, spurred by foreign inflows into local debt and equity markets. On 12th, the rupee had closed at 79.52 per Dollar.

Nageswaran said while international agencies were showing India’s trend growth at 6 per cent, the country could easily grow at 7 per cent per annum for the rest of the current decade and beyond.

“I am taking 6 per cent as the very easily attainable growth rate and I am adding 0.5 percentage point coming from the Capex ( Capital expenditure ) boom and another 0.5 percentage point will come from the digital public infrastructure that we have created,” he added.

“If in some years, we have the global cycle also operating in our favour, then export growth will give us an additional push, taking our growth to 7.5 per cent or 8 per cent.”

The CEA said India paid its dues on economic growth in the last decade as the banking sector and the corporate sector were both repairing their balance sheet. “That repair work is done with the banking sector willing to lend and the corporate sector waiting to borrow and invest. It is just being held back by temporary uncertainties because  of the war and the pandemic,” he said.


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