Weak demand, excess supply get manufacturers walking on eggshells
- June 14, 2023
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Listed makers posted a low-key performance in the October-December quarter of 2022-23 (FY2023) caused by weak demand, excess supply, and cost pressures.
Although some pressures are expected to linger in the near term, the Street is divided on the outlook.
While maximum manufacturers accept as true that the demand situation has deteriorated, others hint at a modest improvement over the forth coming months.
However, demand has taken a turn for the worse. With weak global demand, units that were earlier exported are turning their attention to the domestic market. The excess capacity is being utilised to satisfy an almost satiated domestic market. This, in turn, has led to substantial undercutting in the domestic market by unorganised players, along with an increase in credit period to 60-90 days.
However dealers say that demand in February and March this year was better than Q3FY23, led by construction activity and the home improvement segment. Demand in tier II and below cities was better than in the metros and tier I cities, although competitive intensity in the tile industry intensified due to the expansion of the distribution footprint by regional players, coupled with higher spending on branding and launches, they add.
सुस्त मांग व ज्यादा आपूर्ति से उद्योगपति परेशान
बाजार में निर्माताओं का प्रदर्शन वित्त वर्ष 2022-23 में अच्छा नहीं रहा, जिसका कारण कमजोर मांग, ज्यादा आपूर्ति और लागत पर दबाव था।
कुछ दबाव हालांकि अल्पावधि में सुस्त पड़ सकता है, लेकिन बाजार इस क्षेत्र के परिदृश्य को लेकर बंटा हुआ है।
अधिकतर फर्में स्वीकार करती हैं कि मांग की स्थिति कमजोर हुई है जबकि अन्य अगले कुछ महीने में थोड़े सुधार का संकेत देते है।
बिक्री के सुस्त रुख को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस क्षेत्र में मांग से ही सुधार का रास्ता निकलेगा।
मांग काफी बुरी स्थिति में पहुंच गई है। वैश्विक स्तर पर कमजोर मांग है, लिहाजा जो इकाइयां पहले निर्यात करती थीं, अब उनका ध्यान देसी बाजार पर चला गया है। अतिरिक्त क्षमता का इस्तेमाल करीब-करीब भरे पूरे देसी बाजारों में हो रहा है। देसी बाजार में असंगठित कंपनियों की तरफ से कम कीमत पर माल उपलब्ध कराने और 60 से 90 दिनों के लिए क्रेडिट उपलब्धता का भी असर पड़ा है।
यद्यपि डीलरों ने कहा है कि इस साल मांग वित्त वर्ष 23 के मुकाबले बेहतर रही, जिसकी अगुआई निर्माण गतिविधियों और होम इम्प्रूवमेंट सेगमेंट ने की। टियर-2 और इससे नीचे वाले शहरों में मेट्रो व टियर-1 के मुकाबले मांग बेहतर रही, हालांकि उद्योग में प्रतिस्पर्धा गहरा गई है, जिसकी वजह क्षेत्रीय कंपनियों का बढ़ता वितरण और ब्रांडिंग व पेशकश पर ज्यादा खर्च है।[/vc_column_text][/vc_column][/vc_row]