White-collar crime
- January 16, 2020
- 0
White-collar crime: Losses from frauds rise 80% from last year, says survey
The survey pointed that 3,766 cases of fraud were detected in FY19, a 15 per cent spike from a year ago
White-collar crime has crept into all industries especially financial, pharmaceutical, information technology and manufacturing with rising instances of money laundering, tax evasion, embezzlement, securities, credit card and insurance frauds, according to a recent survey by Netrika Consulting and Indian National Bar Association. The survey pointed that 3,766 cases of fraud were detected in FY19, a 15 per cent spike from a year ago; losses incurred due to fraud rose by 80 per cent.
What are white-collar offences?
Non-violent criminal acts committed by people from a higher social class such as wage theft, money laundering, copyright infringement, among others
83% of respondents agree that white-collar criminals adopt a mix of bribery, cybercrime and money laundering.
उद्योगों में सफेदपोष अपराधों की सेंध
सभी उद्योगों में व्हाइट काॅलर (सफेदपोश) अपराधों ने सेंध लगा ली है। एक हालिया सर्वेक्षण के मुताबिक धन शोधन, कर चोरी, गबन, प्रतिभूति, क्रेडिट कार्ड एवं बीमा धोखाधड़ी के मामले बढ़ रहे हैं। इस सर्वे के मुताबिक वित्त वर्ष 2019 में धोखाधड़ी के कुल 3,766 मामले पकड़े गए हैं। यह आंकड़ा वित्त वर्ष 2018 की तुलना में 15 फीसदी अधिक है। इसके अलवा धोखाधड़ी की वजह से होने वाले नुकसान में 80 फीसदी बढ़ोतरी हुई है।
व्हाइट काॅलर अपराधों को उच्च सामाजिक वर्गों के लोगों द्वारा वेतन चोरी, धन शोधन, जैसे गैर-हिंसक आपराधिक कार्यों के रूप में परिभाशित किया गया है। सर्वेक्षण में कहा गया है कि दवा क्षेत्र में फर्जी योजनाओं, एक्सपायर माल की बिक्री, सरकारी संस्थाओं को दवाओं की आपूर्ति के ऐवज में व्यावसायिक घूस में संलिप्तता, गैर-परामर्शी दवाओं की बिक्री आदि के जोखिम हैं। फर्जी बिलों के द्वारा जीएसटी की चोरी लगातार बढ़ रही है। कुछ ट्रान्सपोर्टर भी इसमें संलिप्त हैं।
वैश्विक घटनाक्रम और बदलते सामाजिक-आर्थिक माहौल ने संगठनों की सफलता में व्हाइट काॅलर अपराधों को प्रमुख बाधा बना दिया है। हालांकि सरकार इस जोखिम को कम करने के लिए नीतिगत स्तर पर काम कर रही है, लेकिन जमीन स्तर पर और कदम उठाए जाने की जरूरत है ताकि कानूनों को प्रभावी और असरदार बनाया जा सके।