वाणिज्य और उद्योग मंत्री पीयूष गोयल ने उद्योग से वैश्विक बाजारों का लाभ उठाने के लिए उच्च गुणवत्ता वाले उत्पाद बनाने पर ध्यान केंद्रित करने को कहा क्योंकि निर्यात प्रतिस्पर्धा सरकारी सब्सिडी या समर्थन से नहीं आएगी।

उन्होंने यह भी कहा कि सरकार उद्योग को उच्च गुणवत्ता वाले उत्पादों के निर्माण में शामिल होने के लिए प्रेरित करने का प्रयास कर रही है क्योंकि उद्योग को यह स्वीकार कराना एक ‘‘कठिन‘‘ कार्य है कि उन्हें गुणवत्तापूर्ण सामान बनाना चाहिए।

शुरुआत में, सरकार को गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों पर उद्योग से भारी विरोध का सामना करना पड़ा।

‘‘हमारी निर्यात प्रतिस्पर्धा सब्सिडी या सरकारी समर्थन से नहीं आने वाली है। यह दुनिया के बाकी हिस्सों के लिए हमारे दरवाजे बंद करने से नहीं आने वाली है। अगर हम आत्मनिर्भर भारत की ओर देख रहे हैं, तो यह तभी हो सकता है जब भारत आत्मविश्वासी होगा और यह आत्मविश्वास तभी आएगा जब हम सभी यह तय करेंगे कि गुणवत्ता हमारा काम नहीं है, यह हमारा कर्तव्य है।‘‘ मंत्री ने कहा।

सरकार देश में विनिर्माण को बढ़ावा देने के लिए गुणवत्ता नियंत्रण आदेश (QCO) शुरू करने जैसे कई कदम उठा रही है।

उन्होंने कहा कि 2014 तक, 106 उत्पादों को कवर करने वाले केवल 14 QCO जारी किए गए थे, लेकिन पिछले 10 वर्षों में, सरकार ने 732 उत्पादों को कवर करने वाले 174 ऐसे आदेश जारी किए हैं, ताकि यह सुनिश्चित किया जा सके कि अधिक से अधिक लोग बेहतर गुणवत्ता मानकों के साथ जुड़ें।

ये आदेश घटिया उत्पादों के आयात को रोकने, अनुचित व्यापार प्रथाओं को रोकने और उपभोक्ताओं के साथ-साथ पर्यावरण की सुरक्षा और कल्याण सुनिश्चित करने में मदद करते हैं।

आदेश के तहत, किसी वस्तु का उत्पादन, बिक्री, व्यापार, आयात या भंडारण तब तक नहीं किया जा सकता जब तक कि उस पर भारतीय मानक ब्यूरो (BIS) का चिह्न न हो। BIS अधिनियम के प्रावधान का उल्लंघन करने पर पहली बार में दो साल तक की कैद या कम से कम 2 लाख रुपये का जुर्माना हो सकता है। दूसरे और उसके बाद के अपराधों के मामले में, जुर्माना न्यूनतम 5 लाख रुपये तक बढ़ जाएगा और माल या वस्तुओं के मूल्य का 10 गुना तक बढ़ जाएगा।

यह समझना महत्वपुर्ण होगा कि QCO’s व्यापार में तकनीकी बाधाओं पर WTO समझौते के अनुसार जारी किए जाते हैं।

उन्होंने यह भी कहा कि उच्च गुणवत्ता वाले सामान का निर्माण आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने, रोजगार पैदा करने और निर्यात बढ़ाने में मदद करता है।

श्री गोयल ने कहा, ‘‘भारत को उच्च गुणवत्ता वाली वस्तुओं और सेवाओं का निर्माता बनने की आकांक्षा रखनी होगी और इसे वैश्विक स्तर पर मान्यता मिलनी चाहिए।‘‘ उन्होंने कहा, ‘‘हमें उद्योग को इन क्यूसीओ के साथ जोड़ने के मामले में अभी भी बहुत काम करना है।‘‘

उन्होंने कहा कि भारत फार्मा क्षेत्र में किसी प्रोटोकॉल का भागीदार नहीं बन पाया है, क्योंकि ‘‘जब भी हम उस प्रोटोकॉल में शामिल होने की कोशिश करते हैं, जिसमें कुछ सख्त शर्तें जुड़ी होती हैं, तो उन (उद्योगों) से विरोध होता है, जो शॉर्टकट तलाश रहे होते हैं।‘‘

मंत्री ने उद्योग से अपने तकनीक कुशल प्रतिनिधियों के माध्यम से बीआईएस (भारतीय मानक ब्यूरो) समितियों में सहभागिता करने का आग्रह किया।

The upcoming QCO’s for wood sector is to be implemented from the following dates: