बढ़ते शहरीकरण से छोटे व मध्यम शहरों में भी रियल एस्टेट कारोबार में काफी वृद्धि देखने को मिल रही है। इसकी वजह भी है, शहरों और महानगरों में जमीन की कमी हो रही है। इस वजह से भी रियल एस्टेट डेवलपर तेजी से छोटे एवं मझोले शहरों की ओर रुख करने लगे हैं।

भूमि की कम लागत, वृद्धि की संभावनाएं और कनेक्टिविटी के लिए बेहतर सड़क का निर्माण रियल एस्टेट कंपनियों को महानगरों से हट कर छोटे इलाकों में आने के लिए प्रेरित कर रहें हैं।

बुनियादी ढांचे में तेजी से विकास कारोबारियों को छोटे एवं मझोले शहरों की ओर रुख करने के लिए आकर्षित कर रहा है। इसके अलावा प्रॉपर्टी की कम लागत भी उसे अधिक रिटर्न एवं कुछ अलग हट कर चाहने वालों की चाहत रखने वाले निवेशकों के लिए आकर्षक बनाती हैं।

छोटे शहरों में विकास की रफ्तार अभी बड़े शहरों की तुलना में अपेक्षाकृत कम है, इस वजह से यहां प्रॉपर्टी की कीमत अपेक्षाकृत कम है। इसके साथ ही निर्माण सामग्री की लागत भी छोटे शहरों में अपेक्षाकृत कम हैं। जो लोग लंबे समय के लिए प्रॉपर्टी में निवेश करना चाहते हैं, उनके लिए यह इलाके बेहतर संभावनाएं समेटे हुए हैं।

यहां पर्यावरण के अनुकूल मकान बनाने संबंधी परियोजनाओं में निवेश करने की चाहत रखने वाले लोगों के लिए पर्याप्त अवसर है। कम पूंजी में ज्यादा जगह मिल सकती है, हरे भरे घर की चाहत रखने वाले भी छोटे व मध्यम शहरों की ओर रूख कर रहे हैं। वह लोग जो भीड़ भाड़ से दूर शांति व सुकून से रहना चाहते हैं। उनके लिए भी यह क्षेत्र उम्मीद की नई किरण लेकर सामने आ रहे हैं।