Center Plans to Implement Labor Law From 1st April
- November 16, 2020
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The National Democratic Alliance (NDA) government is planning to implement the new labor law from April 1 across the country.
Industries will have to file single returns with the authorities when the new labor law comes into force. Also, industries will now have to comply with 12 structures in terms of minimum wage, which was 540 in the central labor laws. Similarly, it will now be 180-200 in the state laws, which is currently more than 9000.
However, an important task is that states have also been asked to prepare rules by March 2021. The new law will empower state governments to make rules for most establishments falling within their territory. For example, the Central Government will make about 57 rules under the Industrial Labor Code 2020, while the states will have to make about 40 rules. Although the central government has been given an option in the codes that the new labor laws can be implemented in a phased manner, the government is considering implementing them at once. 29 labor laws have been converted into 4 codes. These codes were approved in the Monsoon Session of Parliament when the opposition boycotted the functioning of Parliament in protest against the Agriculture Bill.
केंद्र की 1 अप्रैल से श्रम कानून लागू करने की योजना
राष्ट्रीय जनतांत्रिक गठबंधन (राजग) सरकार 1 अप्रैल से देश भर में नए श्रम कानून को लागू करने की योजना बना रही है।
नए श्रम कानून लागू होने पर उद्योगों को प्राधिकारियों के पास सिंगल रिटर्न दाखिल करना होगा। साथ ही उद्योगों को अब न्यूनतम वेतन की संख्या के मामले में 12 ढांचों का अनुपालन करना होगा, जिनकी संख्या केंद्रीय श्रम कानूनों में 540 थी। इसी तरह राज्य के कानूनों में अब यह 180-200 होंगे, जो इस समय 9000 से ज्यादा हैं।
बहरहाल एक महत्त्वपूर्ण काम यह भी है कि राज्यों को भी मार्च 2021 तक नियम तैयार करने को कहा गया है। नया कानून राज्य सरकारों को अधिकार देगा कि वे अपने क्षेत्र में आने वाले ज्यादातर प्रतिष्ठानों के लिए नियम बना सकें। उदाहरण के लिए केंद्र सरकार औद्योगिक श्रम संहिता 2020 के तहत करबी 57 नियम बनाएगी, वहीं राज्यों को करीब 40 नियम बनाने होंगे।
हालांकि संहिताओं में केंद्र सरकार को विकल्प दिया गया है कि नए श्रम कानून चरणबद्ध तरीके से लागू कर सकती है, लेकिन सरकार इन्हें एक बार में लागू करने पर विचार कर रही है। 29 श्रम कानूनों को 4 संहिताओं में तब्दील कर दिया गया है। इन संहिताओं को संसद के माॅनसून सत्र में उस समय मंजूरी मिली थी, जब विपक्ष ने कृषि विधेयक के विरोध में संसद के कामकाज का बहिश्कार किया था।