Editorial 2021

Indian companies have performed better than expected in the second quarter and the economy is set to return to normal in 2021.

There was an atmosphere of disappointment when the ban was announced in March. But less than 2 months later India stood on its feet. The government took some steps, which we were in a good position. The pain was greater in the first trimester. But June’s performance was surprising, indicating good times to come.

Data for the September quarter show India has grown faster than anticipated. Capacity utilization was more than 90 percent. The supply chain also reached the same level in terms of operational performance and financial performance was better than expected. Also, there was good retail customer activity in the second quarter. The epidemic has presented challenges before us. There is pressure in sectors like manufacturing and hospitality and there is a lot of problem in this area.

Corporate India adopted the new normalcy and focused on high levels of productivity and efficiency. The lessons learned from this were used in practice. If we look at the change in behavior regarding retail, it is known that customers have also adopted it.

Face Veneer shortage at the year end stunned the plywood industry. After all, how long we will be dependent on imported Face?

Strict norms imposed either in our import policy or supplier countries make the situation worse for our industries. Face veneer derived from Forest Logs are not sustainable for long.

This is high time now that plywood manufacturers should stand a thought process. Popular & Safeda was started in agro forestry. Around 30 years back. Efforts made by WIMCO and ITC, has now reached such height that industry is reaping now.

Now, we should come forward in industry which will only secure our future in the industry. Melia Dubia is developed by our scientists from IPIRTI and FRI for Face Veneer. Efforts are to be made for farming and assurance to farmers.

Suresh Bahety
9050800888

दूसरी तिमाही में भारत की कंपनियों का प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा है और 2021 में अर्थव्यवस्था सामान्य होने की दिशा में है।

मार्च में जब देशबंदी की घाषणा हुई थी, निराशा का माहौल था। लेकिन 2 महीने से भी कम समय में भारत अपने पैरों पर खड़ा हो गया। सरकार ने कुछ कदम उठाए, जिसकी वजह से हम अच्छी स्थिति में आ गए। पहली तिमाही में दर्द अधिक था। लेकिन जून के बाद प्रदर्शन आश्चर्यजनक रहा, जिससे अच्छा वक्त आने के संकेत मिले।

सिंतबर तिमाही के आंकड़ों से पता चलता है कि उद्योग जगत अनुमान से कहीं ज्यादा तेजी से बढ़ा है। क्षमता का इस्तेमाल 90 प्रतिशत से ज्यादा रहा। आपूर्ति श्रृंखला भी परिचालन प्रदर्शन के मामले में इसी स्तर पर पहुँच गया और वित्तीय प्रदर्शन उम्मीद से बेहतर रहा। साथ ही दूसरी तिमाही में खुदरा ग्राहकों की अच्छी सक्रियता रही। महामारी ने हमारे सामने चुनौतियां पेश की हैं। विनिर्माण और आतिथ्य जैसे क्षेत्रों में दबाव है और इस क्षेत्र में तकलीफ बनी हुई है।

संपूर्ण भारत ने नई सामान्य स्थिति को अपनाया और उत्पादकता और कुशलता उच्च स्तर पर करने पर ध्यान केंद्रित किया। इससे जो सीख मिली, व्यवहार में उसका इस्तेमाल हुआ। खुदरा को लेकर व्यवहार में बदलाव को देखें तो पता चलता है कि ग्राहकों ने भी इसे अपना लिया।

साल के अंत में फेस वीनियर की अनुप्लब्धता ने पूरे प्लाइवुड उद्योग के सामने एक प्रश्नचिन्ह खड़ा कर दिया है। हम कब तक आयातित फेस वीनियर पर आश्रित रहेंगे? कभी हमारे देश की आयात नीति कभी निर्यातक देश की नीतीयां किसी न किसी रूप में इससे बाध्यकारी स्थितियां पैदा कर देती हैं। आखिरकार पूर्णकालिक वन क्षेत्र से उत्पादित फेस विनियर हमें कब तक चैंकाता रहेगा?

अब समय आ गया है कि संपूर्ण प्लाईवुड उद्योगपति अब इस ओर अपना ध्यान केंद्रित करें। पोपुलर सफेदा को कृषि वाणिकी के तहत WIMCO, ITC आदि आज से तीस साल पहले शुरूआत की गयी थी। उसी कोशिश का परिणाम है कि उस समय जो प्लाईवुड उद्योग की आधारशिला रखी गयी थी, आज इतने विशाल आकार में फैल चुकी है।

अब समय आ गया है जब फेस विनियर के लिए भी हमें आगे आना होगा। हमारी आज की कोशिश ही हमारा भविष्य तय करेगी। IPIRTI और FRI में हमारे वैज्ञानिकों ने मेलिया डुबिया को फेस विनियर के लिए तैयार किया है, लेकिन जब तक किसानों को इसे उगाने के लिए प्रेरित नहीं किया जाएगा, इसकी खेती का विस्तार कैसे होगा?

सुरेश बाहेती
9050800888