Mandatory BIS Should be kept Pending Till Revision
FEDERATION OF INDIAN PLYWOOD & PANEL INDUSTRY



President: Mr. Sajjan Bhajanka

Vice-Presidents: Mr. S.P. Mittal / Mr.Nand Kishore Aggarwal

 Secretary General : Mr. Jaydeep Chitlangia


Most of the BIS standards related to plywood and Wood Based Panel Products are in the process of revision and amendments. Revision work has not yet been completed. The related revision work has been taken-up by BIS Sectional Committee, CED 20 – Wood and Other Lignocellulosic Products: in association with technical committee members under the Chairmanship of Director, IWST, and Bangalore

Reasons for amendment in wood products specification

Most of BIS standards related to plywood and wood based panel products were formulated long back when commercial plywood were begun to be manufactured after independence. The standards set in the specifications were based on the test results on plywood which were made from old grown, mature timber procured from natural forest. Selected timbers were suitable for manufacture of plywood and other panel products in those days.

Things are totally different today. For the last two decades, there is very little or no supply of timber from forest and the plywood industry is totally depended on short rotation plantation timbers. Plantation timber of 5 -10 years old which are immature having lower strength compared to 30-50 years old mature timber. Hence many physical-mechanical properties plywood made with plantation timbers cannot meet all mechanical properties set in BIS product standards.

Today plywood industry has obtained best technology, best adhesives for manufacture of plywood but for wood the industry has to depend on short rotation plantation timbers only as old grown forest timbers are not available at present. The need of the hour is to bring necessary amendment in major BIS specifications related to plywood, particle board and MDF. The aim of amendment is to incorporate the physical mechanical properties test parameters which can be obtained by using best quality plantation timber.

The need of amendments in the BIS specifications on plywood, MDF & particle board were raised in the last 25th meeting of CED-20 held on 20th July, 2020. Chairman of CED-20 had given patience hearing to the above mentioned points raised by industry representatives during the meeting and it was suggested that industry to submit draft amendments in products specifications for considerations by the BIS technical committee.

It is therefore requested that issue of Quality Control Orders in respect of Resin treated compressed wood laminates, Plywood and Wooden flush door shutters and Wood Based Boards be kept pending till the revisions in respect of different wood products specifications are completed by BIS.



addressed to Mr. Mohammad Isharar Ali
Director
(Department for Promotion of Industry &
Internal Trade)
(Consumer Industry Section)



मानक संषोधन पूर्ण होने तक गुणवत्ता नियंत्रण को स्थगित रखें
भारतीय प्लाईवुड और पैनल उद्योग संघ

प्लाईवुड और वुड आधारित पैनल उत्पादों से संबंधित अधिकांश बीआईएस मानक बदलने और संशोधित करने की प्रक्रिया में हैं। संशोधन का कार्य अभी तक पूरा नहीं हुआ है। संबंधित संशोधन कार्य को बीआईएस सेक्शनल समिति, सीईडी 20 – (वुड और अन्य लिग्नोसेलुलोजिक उत्पाद) के द्वारा अध्ययन के लिए लिया गया हैः आईडब्ल्यूएसटी, बैंगलोर के निदेशक की अध्यक्षता में तकनीकी समिति के सदस्यों के सहयोग से।
लकड़ी के उत्पाद संरचना में संशोधन के कारण

प्लाईवुड और वुड आधारित पैनल उत्पादों से संबंधित अधिकांश बीआईएस मानक विशेषित लंबे समय पहले तैयार किए गए थे, जब आजादी के बाद से वाणिज्यिक प्लाईवुड निर्मित होने लगे थे। मानकों में निर्धारित मानक पुरानें और लंबे उम्र के पेड़ों से बनी प्लाईवुड के परीक्षण परिणामों पर आधारित थे। उन दिनों में प्लाईवुड और अन्य पैनल उत्पादों के निर्माण के लिए चयनित लकड़ी उसके लिए उपयुक्त थी।

आज के समय में चीजें पूरी तरह से अलग हैं। दो दशकों से वन से लकड़ी की बहुत ही कम या शुन्य आपूर्ति होती है और प्लाईवुड उद्योग पूरी तरह से छोटे चक्रवृद्धि वाले कृषि वाणिकी वन आधारित लकड़ी पर निर्भर है। 5-10 वर्ष की आयु वाले चक्रवृद्धि वन की लकड़ी अपरिपक्व होती है और 30-50 वर्ष की परिपक्व लकड़ी की तुलना में कम मजबूत होती है। इसलिए, चक्रवृद्धि वन से बनी प्लाईवुड की बहुत सारी भौतिक-यांत्रिक गुणधर्म बीआईएस मानकों के सभी यांत्रिक गुणधर्मों को पूरा नहीं कर पाती है।

आज के दिन प्लाईवुड उद्योग के पास प्लाईवुड निर्माण के लिए सर्वोत्तम प्रौद्योगिकी, सर्वोत्तम चिपकने वाले तत्व हैं, लेकिन लकड़ी के लिए उद्योग वर्तमान में पूर्णतः छोटे चक्रवृद्धि वन लकड़ी पर ही निर्भर है। क्योंकि वनों से प्राप्त होने वाली पुरानी उम्र की लकड़ी वर्तमान में उपलब्ध नहीं है। आज समय की जरूरत है कि प्लाईउड, पार्टीकल बोर्ड और एमडीएफ के लिए बीआईएस के विनिर्देश में आवश्यक बदलाव किए जाएं। बदलाव की आवश्यकता इसलिए भी है कि भौतिक यंात्रिक गुणधर्म वाले मानक कृषि वाणिकी द्वारा प्राप्त लकड़ी से बनाए गए उत्पाद से प्राप्त किए जा सकें।

प्लाईवुड, पार्टिकल बोर्ड और एमडीएफ से संबंधित बीआईएस विशेषितों में संशोधन की आवश्यकता की मांग पिछली सीईडी-20 की 25वीं बैठक में उठाई गई थी। सीईडी-20 के अध्यक्ष ने बैठक के दौरान उद्योग प्रतिनिधियों द्वारा उठाए गए उपरोक्त मुद्दों को धैर्य से सुना और उद्योग को बीआईएस तकनीकी समिति द्वारा विचार विमर्स के लिए उत्पाद विशेषिताओं में संशोधन के लिए प्रारूप संशोधन प्रस्तुत करने की सलाह दी।

इसलिए, यह अनुरोध किया जाता है कि विभिन्न लकड़ी उत्पादों के मानक संशोधन पूर्ण होने तक, रेजिन से उपचारित संपीड़ित लकड़ी के लैमिनेट, प्लाईवुड और लकड़ी के फ्लश डोर और वुड आधारित बोर्डों के गुणवत्ता नियंत्रण आदेशों को स्थगित रखा जाए।

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