सेंटर फॉर इकोनॉमिक्स एंड बिजनेस रिसर्च (सीईबीआर) ने अपने नवीनतम विश्व आर्थिक लीग तालिका रिर्पोट में कहा कि भारत सदी के अंत तक सबसे बड़ी आर्थिक महाशक्ति के रूप में उभरेगा जिसका सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) चीन से 90 प्रतिशत और अमेरिका से 30 प्रतिशत बड़ा होगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत 2024 से 2028 तक औसतन 6.5 प्रतिशत की मजबूत वृद्धि बनाए रखेगा और 2032 तक जापान और जर्मनी को पीछे छोड़ते हुए दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है, ‘जनसांख्यिकीय अनुमानों और अनुमानों (प्रेक्षपण) के आधार पर उम्मीद है कि भारत 2080 के बाद चीन और अमेरिका दोनों से आगे निकल जाएगा।‘

देश की बड़ी और युवा आबादी, बढ़ता मध्यम वर्ग, गतिशील उद्यमशीलता क्षेत्र और बढ़ता वैश्विक आर्थिक एकीकरण विकास के कुछ प्रमुख चालक होंगे।

हालाँकि, अध्ययन में कहा गया है कि भारत को गरीबी में कमी, असमानता, मानव पूंजी, बुनियादी ढांचे में सुधार और पर्यावरणीय स्थिरता जैसी चुनौतियों का समाधान करने की आवश्यकता है।

भारत ने 2022-23 में 7.2 प्रतिशत की मजबूत जीडीपी वृद्धि दर्ज की। वहीं, सीईबीआर को 2023-24 के लिए 6.4 प्रतिशत की वृद्धि में मामूली कमी होने का अनुमान है, जिसके परिणामस्वरूप उत्पादन महामारी-पूर्व स्तर के स्तर से 17.2 प्रतिशत अधिक हो जाएगा।

रिपोर्ट में कहा गया है कि सार्वजनिक क्षेत्र विभाग ने सरकारी विभाग के साथ दीर्घकालिक विकास बाधा उत्पन्न की है क्योंकि सकल घरेलू उत्पाद का प्रतिशत 2023 में 81 प्रतिशत होने की उम्मीद है, जो 2022 में दर्ज 81 प्रतिशत से अधिक है।

अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (आईएमएफ) की एक हालिया रिपोर्ट में भी चेतावनी दी गई थी कि भारत का सामान्य सरकारी विभाग मध्यम अवधि में सकल घरेलू उत्पाद का 100 प्रतिशत से अधिक हो सकता है।

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वित्त मंत्रालय ने यह कहते हुए कि आईएमएफ रिपोर्ट ‘‘केवल सबसे खराब स्थिति‘‘ की बात कर रही थी, में स्पष्ट किया था कि भारत में सामान्य सरकारी विभाग में भारी मात्रा में रुपया है, जिसमें द्विपक्षीय और बहुपक्षीय स्रोतों से बाहरी उधार न्यूनतम राशि का योगदान देता है।

वित्त मंत्रालय ने कहा था, ‘‘घरेलू विभाग के लिए रोलओवर जोखिम कम है, और विनिमय दरों में अस्थिरता का जोखिम निचले स्तर पर है।‘‘

‘‘सीईबीआर रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2023 में सरकारी उधारी सकल घरेलू उत्पाद का 8.8 प्रतिशत होने का अनुमान है। रिपोर्ट में कहा गया है कि यह बुनियादी ढांचे, स्वास्थ्य सेवा और सामाजिक कल्याण पर बढ़ते खर्च के साथ विस्तारवादी रुख को दर्शाता है।

रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2024 भारत के लिए महत्व रखता है क्योंकि अगले पांच वर्षों के लिए आगामी आम चुनावों से देश के राजनीतिक प्रक्षेप मार्ग को आकार देने की उम्मीद है।

इसमें कहा गया, ‘‘चुनाव के नतीजे भारत की घरेलू और विदेश नीति के साथ-साथ पड़ोसी देशों और प्रमुख वैश्विक शक्तियों के साथ उसके संबंधों पर महत्वपूर्ण प्रभाव डालेंगे।‘‘

चार्ट पर एक नजर

2038 तक विश्व आर्थिक लीग तालिका रैंकिंग

2024

2028 2033

2038

China 2 2 2 1
US 1 1 1 2
India 5 4 3 3
Japan 4 3 4 4
Germany 3 5 5 5

स्रोतः सेंटर फॉर इकोनॉमिक एंड बिजनेस रिसर्च द्वारा वल्र्ड इकोनॉमिक लीग टेबल 2024


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