Ashok Tajpuria1

Ashok Tajpuria

आपके पास यदि एक पैनकार्ड है तो आप खेत फसलों का काम आसानी से कर सकते हैं

मंडी टेक्स हटने का बड़ा लाभ मिलेगा। यह सरकार का बड़ा कदम है। इससे किसान और प्लाइवुड उद्योगपतियों दोनो को लाभ मिलेगा। द प्लाई इनसाइट ने कोरोना संक्रमण के दौरान प्लाइवुड व्यापारियों, निर्माताओं और डीलर से बातचीत कर उनके विचारों को एक दूसरे साझा करने का कार्यक्रम चला रखा है। टॉक टू… कार्यक्रम में इस बार यूपी लखनऊ के प्लाइवुड निर्माता अशोक तेजपुरिया से बातचीत की। पेश है उनके साथ बातचीत के मुख्य अंश।

मंडी लाइसेंस और इ.सी.(एसेंसियल कोमोडिटी) एक्ट हटने को आप किस एंगल से देखते हैं?

ईसी एक्ट अब सिर्फ सेनिटाइजर और मास्क पर है। बाकी चीजों से इसे हटा दिया गया है। इससे काम करने वालों से बेरियर हटा दिया गया है। पेनकार्ड है तो आप गल्ले का काम कभी भी कर सकते हैं। इससे व्यापारी बढ़ेंगे। वह किसानों के पास जाएगा, क्योंकि उसे माल चाहिए। इसलिए डिमांड और सप्लाई का गैप बढ़ जाएगा। इस तरह से ज्यादा प्लेयर आएंगे तो निश्चित ही मांग बढ़ने से ज्यादा दाम मिलेगा।

क्या यह माना जाए कि सब्सिडी की जगह अब काम करने वाले को प्रोत्साहन दिया जा रहा है?

बिलकुल।सरकार ऐसा ही कर रही है। वह हर हाथ को काम देने की कोशिश कर रही है। इसी एक्ट व मंडी टैक्स हटने से इंस्पेक्टरी राज से मुक्ति मिली है। इसका लाभ आज भले ही नजर न आए, लेकिन आने वाले समय में इसका लाभ मिलेगा। अब उप्र – पंजाब का किसान अपना माल यदि भारत के दूसरे राज्यो में बेचता है तो उसे कोई रोकने वाला नहीं है। इससे किसान को अपने माल का उचित दाम मिलेगा।

मनरेगा से यह अलग कैसे हैं फिर?

मनरेगा अलग है। इसमें 100 दिन के रोजगार का अधिकार मिलता है। काम किया, इसके बाद पैसा मिला। इसमें थोड़ा बहुत भ्रष्टाचार था, लेकिन अब वह भी धीरे धीरे खत्म हो रहा है। क्योंकि काम की जीयो टैगिंग हो रही है। अब इमेज से पता चल जाएगा कि काम हुआ या नहीं। इसलिए वैरिफिकेशन होने के बाद ही पैसा दिया जाएगा। इसलिए अब लोग यहां आना कम चाह रहे हैं। क्योंकि पहले उन्हें काम न करने पर भी पैसा मिल जाता था। अब ऐसा नहीं हो रहा है।

हरियाणा में 75 प्रतिशत स्थानीय लोगो को रोजगार देने की व्यवस्था की जा रही है ?

हां इस तरह के प्रयोग पहले असम आदि दुसरे राज्यों में होता आया है। वहां रोजगार कार्यालय में लिख कर देना पड़ता है कि हमें इतने प्रशिक्षित लोग चाहिए। इसके बाद रोजगार कार्यालय में यदि इस तरह के कारीगरों के उपलब्ध नहीं होने पर लिख कर दे दिया जाता है कि यह वर्कर्स उनके पास नहीं है। इसके बाद बाहर से लोगों को हायर किया जा सकता है। इसी तरह का प्रयोग हरियाणा में भी करने की योजना है। और इसमें सभी लाभान्वित होंगे, ऐसी आशा है।