बड़े शहरों में अब किराए पर कार्यालय लेने की मांग तेजी से बढ़ रही है। न सिर्फ कार्यालय लंबे समय के लिए किराए पर लिए जा रहे हैं, बल्कि मांग में भी तेजी से उछाल आया है। इससे हम देश में हो रहे विकास का सहज ही अनुमान लगा सकते हैं।

लीज पर लंबे समय के लिए कार्यालय लेना इस बात का संकेत हैं कि प्रमुख बहुराष्ट्रीय कंपनियां लंबे समय के लिए काम करने की योजना बना रही है। लीज पर कार्यालय लेने की पिछले 14 महीने में बढ़ कर औसतन 62 माह हो रही है। जो अब तक की सबसे अधिक है।

लीज लेनदेन की बढ़ती अवधि भारत के वाणिज्यिक क्षेत्र की मजबूती को दर्शाती है। इससे भी बड़ी बात यह है कि ग्रेड ए और ए प्लस कार्यालयों की मांग बढ़ रही है। इस तरह के कार्यालयों की मांग अंतरराष्ट्रीय कंपनियों और वैश्विक क्षमता केंद्रों (जीसीसी) में ज्यादा होती है।

स्टार्टअप के साथ साथ बड़े भारतीय व्यवसायी भी अब संयुक्त कार्यक्षेत्र को अपना रहे हैं। इस तरह की स्थिति पहले नहीं होती थी। इस बदलाव की वजह से एक जगह कई सारे कार्यक्षेत्र को बढ़ावा मिल रहा है।

2023 में देश के पांच सबसे बड़े कारोबारियों ने औसतन 180 महीने के लिए कार्यालय और कार्यस्थल किराए पर लिए हैं। जबकि 2022 में यह औसतन 112 महीने थी, यानी इसमें अब 61 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की जा रही है।

लंबे समय के लिए कार्यस्थल किराए पर लेने की सोच दिखा रही है कि भारत का आर्थिक विकास बढ़ रहा है। यह पूरी तरह से टिकाऊ है, यह क्षणिक नहीं बल्कि लंबे समय तक अच्छे प्रदर्शन की पूरी उम्मीद है।


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