केंद्र सरकार ने 13 फरवरी से हर घर में 300 यूनिट मुफ्त बिजली योजना शुरू की है। लेकिन यह बिजली सोलर सिस्टम से उपलब्ध कराई जाएगी। योजना का नाम पीएम मुफ्त बिजली योजना है।

मुफ्त बिजली योजना क्या है?

इस योजना में उन घरों को अनुदान देने की व्यवस्था की गई, जो भी अपने छत पर सोलर पेनल लगाने के इच्छुक हैं। प्रत्येक घर 300 यूनिट तक की बिजली मुफ्त पा सकते हैं। इस योजना के तहत 3 ज्ञॅ तक के उपभोकताओं पर ध्यान केन्द्रित किया ता रहा हैं, जिसमें भारत के अधिकांश उपभोकता हो जाएंगे।

प्रति घर की अनुधान राशि क्या होती हैं।

इसमें उपभोक्ताओं की छतों पर सोलर पैनल स्थापित किए जाएंगे। दो किलोवाट के सौर ऊर्जा सिस्टम की लागत पर 60 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। दो किलोवाट से लेकर तीन किलोवाट तक के उपभोक्ताओं को 40 प्रतिशत अनुदान मिलेगा। 3 किलोवाट से अधिक क्षमता के सोलर सिस्टम पर कोई अनुदान नहीं दिया जाएगा। अभी 1 किलोवाट सोलर सिस्टम पर ₹ 30,000, दो किलो पर 60,000 और इससे अधिक के सोलर सिस्टम पर ₹ 78,000 की सब्सिडी दी जाएगी।

आप सिस्टम कैसे स्थापित करवा सकते हैं?

जिस भी छत पर सौर पैनल लगाए जा सकते हैं, वह इस योजना के लिए आवेदन कर सकता है। इसके लिए राष्ट्रीय छत सौर पोर्टल पर रजिस्ट्रेशन कराना होगा। उपभोक्ता पोर्टल पर उपलब्ध सूची में से एक विक्रेता चुन सकता है। विक्रेता वितरण कंपनियों के साथ पंजीकृत हैं, लेकिन भविष्य में एक राष्ट्रीय रजिस्ट्री भी हो सकती है। इसके लिए वैध बिजली कनेक्शन आवश्यक है और परिवार ने सौर पैनलों के लिए किसी अन्य सब्सिडी का लाभ नहीं उठाया हो।

सब्सिडी के अलावा सिस्टम स्थापना की लागत का क्या होगा?

अनुदान के बाद सोलर पैनल की जो राशि बचेगी, इसके लिए कम ब्याज दर पर आसान कर्ज मिल जाएगा। लेकिन शुरुआत में पूरी पेमेंट उपभोक्ता द्वारा कंपनी को करनी होगी। अनुदान की राशि बाद में उसके खाते में आ जाएगी। अब यदि किसी उपभोक्ता के पास सौर पैनल के भुगतान के लिए अग्रिम राशि भी नहीं है तो इस स्थिति में कुल लागत का दस प्रतिशत जमा करा दें, बाकी के 90 प्रतिशत का उसे कर्ज मिल जाएगा। सात प्रतिशत ब्याज दर पर इस तरह के उपभोक्ता को 90 प्रतिशत कर्ज आसानी से मिल सकता है।

जब सरकार की ओर से अनुदान आएगा तो यह राशि कर्ज से कम हो जाएगी। इस तरह से जो कर्ज शेष बच जाएगा उसे मासिक किस्तों में 10 साल तक चुकाया जा सकता है। तीन किलोवाट के सौर ऊर्जा सिस्टम के लिए सात प्रतिशत की ब्याज दर के साथ 70 प्रतिशत तक कर्ज देने के लिए कई बैंक तैयार है। भविष्य में यदि ब्याज दर में कती आती है तो इसका भी लाभ उपभोक्ताओं को मिलेगा।